अब जुगाड़ से होने लगी है खेतों की निराई

कहते हैं आवश्यकता आविष्कार की जननी है। इस क्षेत्र में किसान भी कुछ पीछे नहीं है। तभी तो अपने खेत का कार्य आसानी से करने के लिए कोई न कोई दिमाग लगाकर नया यंत्र खोज लेते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 21 Nov 2021 05:49 PM (IST) Updated:Sun, 21 Nov 2021 05:49 PM (IST)
अब जुगाड़ से होने लगी है खेतों की निराई
अब जुगाड़ से होने लगी है खेतों की निराई

संवाद सहयोगी, कनीना: कहते हैं आवश्यकता आविष्कार की जननी है। इस क्षेत्र में किसान भी कुछ पीछे नहीं है। तभी तो अपने खेत का कार्य आसानी से करने के लिए कोई न कोई दिमाग लगाकर नया यंत्र खोज लेते हैं। इसी कड़ी में निराई करने का सरल एवं सुलभ साधन किसानों ने जुगाड़ कर लिया है। किसान लंबे समय से खरीफ और रबी फसलों दोनों में ही प्रयोग कर रहे हैं। दोनों में उतना ही कारगर बताया जा रहा है। डाक्टर सुबह सिंह बताते हैं कि वे कुछ ही घंटों में एक एकड़ की निराई कर देते हैं। इस प्रकार यह यंत्र बहुत कारगर साबित हो रहा है।

यह जुगाड़ साइकिल की रिम से तैयार किया गया है। जिसके स्टैंड पर ब्लेड लगा दी जाती है और धक्का देने के लिए दो पाइप लगा दिए जाते हैं। दूसरे व्यक्ति को खींचने के लिए भी रस्सी लगा दी जाती है। एक व्यक्ति चाहे इसे धकेल कर पूरे खेत की निराई कर सकता है। दो व्यक्ति लगे तो इस कार्य में आसानी हो जाती है। किसानों ने बताया किसी यंत्र पर एक बार कुछ खर्च आता है बार-बार इस पर कोई खर्चे की जरूरत नहीं होती है और कई वर्षों तक चलाया जाता है। किसान सूबे सिंह, राजेंद्र सिंह, अजीत कुमार, उम्मेद सिंह बाते अधिकतम खर्चा 500 रुपये आता है कितु जो कार्य कई घंटों में होता है वह कुछ ही समय में पूरा कर दिया जाता है।

किसान प्रदीप, सूबे सिंह, राजेंद्र सिंह, उमेद सिंह आदि ने बताया कि यह खुड़ों के जरिए चलता है। खुड़ के ऊपर से इस यंत्र को धकेला जाता है तो दूसरा उसे खींचता है। ब्लेड फूड के आसपास खड़ी हुई सारे बेकार पौधों को हटा देता है। यहां तक कि खुड़ को भी प्लेन कर देती है जिससे भविष्य में होने वाली बारिश आदि से सभी पौधों को लाभ हो सके। कुछ कमियां भी हैं। चूंकि यंत्र खुड के अंदर उगी हुई फसलों के बीच से निराई नहीं करता। केवल खुड के ऊपर ही निराई करता है। इस यंत्र से एक दिन में दो एकड़ की फसल की निराई एक व्यक्ति कर सकता है। कृषि वैज्ञानिक डाक्टर देवेंद्र कुमार व डाक्टर देवराज बताते हैं इस प्रकार के यंत्र किसान खोज कर खेत में पैदावार बढ़ा सकते हैं। अभी तो यह खरीफ और रबी दोनों फसलों में काम कर सकता है तथा किसान का समय बचा सकता।

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