कबड्डी खिलाड़ी के साथ सामूहिक दुष्कर्म मामले में तीन दोषियों के खिलाफ सजा का ऐलान, कोर्ट ने जुर्माना भी लगाया

12 सितंबर 2018 कनीना में कबड्डी की राष्ट्रीय लेवल की खिलाड़ी से हुए सामूहिक दुष्कर्म मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश मोना सिंह ने तीनों दोषियों को 20-20 वर्ष की सजा सुनाई है। इसके अलावा 20-20 हजार जुर्माना भी लगाया है।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Fri, 29 Oct 2021 04:02 PM (IST) Updated:Fri, 29 Oct 2021 04:02 PM (IST)
कबड्डी खिलाड़ी के साथ सामूहिक दुष्कर्म मामले में तीन दोषियों के खिलाफ सजा का ऐलान, कोर्ट ने जुर्माना भी लगाया
कनीना सामूहिक दुष्कर्म के 3 आरोपियों को कोर्ट ने सुनाई 20 वर्ष की सजा व 20-20 हजार जुर्माना

कनीना (महेंद्रगढ़), जागरण संवाददाता। 12 सितंबर 2018 कनीना में कबड्डी खिलाड़ी के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश मोना सिंह ने तीनों दोषियों को 20-20 वर्ष की सजा सुनाई है। इसके अलावा 20-20 हजार जुर्माना भी लगाया है। कुल साढे़ 37 माह तक कोर्ट में सुनवाई हुई। तीनों दोषियों पंकज, निशु व मनीष को आईपीसी की धारा 376 डी के तहत 20 वर्ष का कारावास, आईपीसी 365 में 5 साल कारावास, 5 लाख रूपये क्षतिपूर्ति व 20-20 हजार रूपये जुर्माना की सजा सुनाई। जुर्माना राशि अदा नहीं की सूरत में एक वर्ष की सजा अतिरिक्त पूरी करनी होगी।

कोर्ट ने कुल 8 आरोपितों में से तीन को दोषी करार दिया था जबकि 5 अन्य आरोपियों दीनदयाल, नवीन, अभिषेक, डॉ.संजीव व मंजीत को संदेह का लाभ देते हुये निर्दोष माना था। फैसले का आमजन की ओर से स्वागत किया जा रहा है। अधिवक्ता ओपी यादव ने कहा कि डॉ.संजीव निर्दोष था उनकी बदौलत छात्रा का जीवन बच गया। अन्य आरोपियों का कोई दोष साबित नहीं हुआ। 

छात्रा सीबीएसई परीक्षा में टॉपर रही थी जिसे राष्ट्रपति से अवार्ड मिला था। पीड़िता नेशनल कबड्डी की खिलाड़ी भी रही है।लड़की की जिंदगी से खिलवाड़ करने वाले 3 दरिदों ने उसे जीवन के नये मोड़ पर लाकर छोड़ दिया। दिलचस्प बात है कि पीड़िता के पिता ने आरोपी पंकज को कबड्डी की कोचिंग दी थी, जिसकी बदौलत वह घटना से दो वर्ष पूर्व झारखंड से भारतीय सेना में भर्ती हुआ था।

इसके अलावा मनीष उस स्कूल में पढ़ा है जहां वे कबड्डी की कोचिंग देते हैं। निशु नामक युवक को खुंखार किस्म का बताया गया है जो गावों की गलियों में घूमकर अवैध और अनैतिक कार्य को अंजाम देता था। घटना के दौरान बताया गया कि सामूहिक दुष्कर्म मामले में दोषी पंकज के पिता का निधन हो चुका है। उसकी करीब 6 माह पूर्व शादी हुई थी। दूसरे आरोपी निशु का पिता दिव्यांग होने के चलते चलने फिरने में असमर्थ है। निशु पहलवानी करता है, वहीं तीसरा दोषी मनीष अविवाहित है।

पंकज व मनीष ने कोचिंग करने वाली छात्रा को पानी में नशीला पदार्थ मिलाकर पिलाया जिससे वह बेहोशी की हालत में आ गई। जिसे वे अपनी कार से कुयें पर ले गये जहां निशु नामक युवक हाजिर था। सभी ने पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया जिससे उसकी हालत खराब हो गई। आनन-फानन में उन्होंने चिकित्सक संजीव को बुलाया जो उसे उपचार देकर चला गया उसके बाद छात्रा की हालत में सुधार हुआ। बाद में आरोपी पीडि़ता को बस स्टैंड कनीना पर छोडक़र फरार हो गये थे। परिजन उसे लेकर रेवाड़ी गये जहां अस्पताल में उपचार दिलाया ओर थाने में जीरो एफआईआर दर्ज कर कनीना थाने में ट्रांसफर की गई।

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