दिल्‍ली से सटे नारनौल में फिर तीसरी बार हुआ टिड्डियों का हमला, ग्रामीणों में दहशत

दिल्‍ली से सटे नारनौल में एक बार फिर टिड्डियों ने हमला कर दिया है। उनके वापस आते ही एक बार फिर ग्रामीणों में दहशत देखा जा रहा है।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Thu, 02 Jul 2020 04:13 PM (IST) Updated:Thu, 02 Jul 2020 06:08 PM (IST)
दिल्‍ली से सटे नारनौल में फिर तीसरी बार हुआ टिड्डियों का हमला, ग्रामीणों में दहशत
दिल्‍ली से सटे नारनौल में फिर तीसरी बार हुआ टिड्डियों का हमला, ग्रामीणों में दहशत

नारनौल [ज्ञान प्रसाद]। जिले में एक बार फिर टिड्डी दल का हमला हुआ है। इस बार हमला नारनौल शहर और इसके आसपास के क्षेत्रों में रहा। लोग थाली और ड्रम बजाकर टिड्डियों को भगाते रहे। कुछ स्थानों पर जरूर फसलों को नुकसान पहुंचाया है। अलग अलग समूहों में आए झुंड ने दिनभर परेशान किया। वहीं, प्रशासन भी दिनभर अलर्ट रहा। जिले में यह तीसरी बार हमला हुआ है। इससे पहले 26 व 30 जून को भी जिले में टिड्डी दल का आक्रमण हो चुका है।

किसानों की सजगता से टिड्डी जिले में नहीं ठहरा

तीनों ही बार जिला प्रशासन व किसानों की सजगता से टिड्डी दल जिला में नहीं बैठ पाया। शाम तक यह दल राजस्थान की तरफ चला गया। उपायुक्त आरके सिंह दिन भर कृषि विभाग के अधिकारियों को इस संबंध में दिशा निर्देश देते रहे। कृषि एवं कल्याण विभाग के उपनिदेशक जसविंदर सिंह सैनी ने बताया कि टिड्डी दल का समूह राजस्थान की ओर से निंबी व चिंडालिया की ओर से होते हुए बापडोली व हाजीपुर से नारनौल होते हुए नांगल चौधरी व निजामपुर खंड की ओर चला गया। उसके बाद राजस्थान में प्रवेश कर गया।

इन इलाकों में हुई एंट्री

इसी प्रकार दूसरा झुंड निजामपुर खंड के दंचौली की ओर से आया था। यह झुंड निजामपुर के आसपास पवेरा व सरेली के आसपास घूमता रहा और आखिरकार शाम तक यह दल राजस्थान की तरफ चला गया। इस संबंध में कृषि विभाग के अधिकारियों ने राजस्थान के अधिकारियों को भी पहले ही सूचित कर दिया था ताकि रात होने के बाद वहां पर राजस्थान कृषि विभाग के अधिकारी उन पर दवाई का छिड़काव कर सकें। दोनों राज्यों के कृषि अधिकारी पल-पल की जानकारी जुटाते रहे। इस संबंध में आवश्यक रणनीति बनाई जा रही है।

सोशल मीडिया की रही सकारात्मक भूमिका

सहायक पौधा संरक्षण अधिकारी हरपाल सिंह यादव ने बताया कि टिड्डी दल के बारे में जिले के किसानों को हर पल की जानकारी दी जा रही है। जिला के सभी कृषि अधिकारी किसानों का समूह बनाकर उन्हें अलर्ट करते रहे। तकनीक के इस दौर में सोशल मीडिया की भूमिका सकारात्मक रही। इस कारण ही तीन बार जिले में टिड्डी दल का हमला नाकाम हुआ है। किसानों को हम सही समय पर सूचना दे पा रहे हैं। सूचना मिलते ही किसान अपने अपने खेतों में पहुंचकर विभिन्न यंत्रों से शोर करके इनको भगाने में कामयाब रहे हैं। आज के युग में सही समय पर सही सूचना मिलना ही सबसे बड़ी ताकत होती है।

ठीकरी पहरा लगाने के जारी किए आदेश

टिड्डी दल के बचाव के लिए सभी गांवों में युवाओं को ठीकरी पहरा लगाने के निर्देश दिए गए हैं। जिलाधीश आरके सिंह ने स्पष्ट किया कि इस पहरे के दौरान सभी युवा कोविड-19 महामारी के मद्देनजर शारीरिक दूरी का पालन जरूर करें।

सभी ग्राम पंचायतों को दी गई दवा

जिले में सभी ग्राम पंचायतों को टिड्डी कीटनाशक दवाई उपलब्ध करवाकर पंचायतों के सहयोग से जिला के सभी फसल क्षेत्रों में कीटनाशक दवाई का छिड़काव करवाना सुनिश्चित करें। जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी सभी खंड विकास एवं पंचायत अधिकरियों के माध्यम से सभी ग्राम पंचायतों को कीटनाशक दवाई का छिड़काव करवाने में सहयोग करने व ढोल-नगाड़ा, थाली-परात खाली पीपा आदि बजाकर शोर करके टिड्डियों को उड़ाना सुनिश्चित करवाएं।

हर थाने को मिली जिम्‍मेदारी

जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी व ग्राम पंचायत की जिम्मेदारी सौंपी गई है। सभी थाना प्रबंधक भी इस मामले में संबंधित ग्राम पंचायतों से संपर्क बनाए रखेंगे।आदेशों में बताया है कि 26 जून को विभिन्न अधिकारियों की अलग-अलग उपमंडल एवं खंड क्षेत्र अनुसार जिले में टिड्डी दल के आक्रमण की निगरानी व नियंत्रण ड्यूटी लगाते हुए निर्देश जारी किए थे। जिले में टिड्डी दल के बचाव के लिए कंट्रोल रूम स्थापित किया है। टिड्डी दल के बचाव के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार के निर्देश दिए हैं। आदेशों का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति के विरुद्ध दी पंजाब विलेज एंड स्माल टाउन एंड पेट्रोल एक्ट 1918 की धारा 9 व 11 के तहत कार्यवाही की जाएगी।

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