आवारा सांड ने दादी-पोते पर किया अटैक, वीडियो में देखिए कैसे दो बार मारी खतरनाक टक्‍कर

सोमवार को सुबह ही 70 वर्षीया अंंगूरी देवी व उसका 20 वर्षीय पौत्र जतिन सांड की चपेट में आने से गंभीर रूप से घायल हो गए। दादी को सांड ने जैसे ही टक्‍कर मारी उसके बाद वहां उनका पोता उन्‍हें बचाने के लिए पहुंचा वह भी घायल हो गया।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Mon, 28 Sep 2020 06:19 PM (IST) Updated:Mon, 28 Sep 2020 06:23 PM (IST)
आवारा सांड ने दादी-पोते पर किया अटैक, वीडियो में देखिए कैसे दो बार मारी खतरनाक टक्‍कर
सड़क पर चलती महिला को टक्‍कर मारता सांड। फोटो- बलवान शर्मा।

महेंद्रगढ़, बलवान शर्मा। शहर में सैकड़ों की संख्या में घूमते आवारा पशुओं की चपेट में प्रतिदिन कोई न कोई व्यक्ति आता रहता है लेकिन नगरपालिका प्रशासन इस ओर आंख बंद किए हुए है। सोमवार को सुबह ही 70 वर्षीया अंंगूरी देवी व उसका 20 वर्षीय पौत्र जतिन सांड की चपेट में आने से गंभीर रूप से घायल हो गए। अंगूरी देवी अक्षर सुबह गोशाला मार्ग पर टहलने के लिए जाती थी। उसे दो दिन से बुखार होने के कारण सिटी पुलिस स्टेशन पर स्थित उसके घर के बाहर ही टहल रही थी। अचानक सांड द्वारा वृद्धा को टक्कर मार देने के कारण गिर कर घायल हो गई।

हरियाणा के महेंद्रगढ़ में सांड ने पहले बुजुर्ग महिला को टक्कर मारी, उन्हें बचाने के लिए पोता आया तो उसे भी पटक दिया। कई बार दादी-पोते को टक्कर मार किया घायल। बड़ी मुश्किल से लोगों ने सांड को खदेड़कर बचाई दोनों की जान। @cmohry @JagranNews #StrayAnimal pic.twitter.com/RPgN0hoURo

— amit singh (@Join_AmitSingh) September 28, 2020

दादी की आवाज सुन करके खेलने जा रहा उसका पोता उसे बचाने के लिए दौड़ा तो सांड ने उसे भी टक्कर मारना शुरू कर दिया। जैसे-तैसे वह बचकर दादी के पास पहुंचा और उसे उठाने लगा तो सांड ने दोबारा से दोनों को टक्कर दे मारी। इस कारण दोनों दादी-पोता फिर से जमीन पर गिर गए। शोर सुनकर परिवार वाले एवं अन्य लोगों के आने पर ही दादी-पोता को सांड से लोग बचा पाए। इस घटना में अंगूरी देवी के हाथ में फैक्चर होने के कारण ऑपरेशन करके रॉड डाली गई है तथा अन्य चोटें होने के कारण वह रेवाड़ी में उपचाराधीन है, वहीं जतिन महेंद्रगढ़ में उपचार ले रहा है।

परिवार पर सांड द्वारा मारने के कारण दोहरी मार पड़ गई। जतिन के पिता सुभाष भी कई दिन से बीमारी के कारण गुरूग्राम में उपचाराधीन है। आज उसे छुट्टी मिलने के कारण परिवार वाले राहत महसूस कर रहे थे। सुभाष के आने से पहले ही यह घटना घट जाने के कारण परिवार पर मुसिबतें और अधिक आ गई। अकेले सुजान सिंह पर ही परिवार की सदस्यों की देखभाल की जिम्मेवारी आई हुई है। घर पर कोई सदस्य नहीं है।

पहले भी सांडों के आतंक से घायल हो चुके हैं कई शहरवासी

इससे एक दिन पहले अखवार विक्रेता शंकर लाल भी सांड की चपेट में आ चुके हैं। वह भी उपचाराधीन हैं। इनसे पहले धर्मबीर पटवारी भी सांड की चपेट में आ चुके  हैं। ये आवारा पशु न केवल व्यक्तियों को निशाना बना रहे है बल्कि वाहन चालकों के लिए भी मुशिबत बने हुए  हैं। दुपहिया वाहन चालकों का तो कोई चारा ही नहीं यहां तक की कई बार ऑटो को सांड द्वारा पलटने की घटना भी घट चुकी है।

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