चुनौतीपूर्ण स्थितियों का सामना करने के लिए जरूरी है जीवन कौशल शिक्षा: सूर्यकांत

उम्मीद काउंसलिग सेंटर डाइट महेंद्रगढ़ के मनोवैज्ञानिक सूर्यकांत यादव का कहना है कि आज के इस भौतिकवादी युग में अधिकांश निजी विद्यालयों का फोकस बचे की बौद्धिक क्षमता बढ़ाने पर होता है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 07:25 PM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 07:25 PM (IST)
चुनौतीपूर्ण स्थितियों का सामना करने के लिए जरूरी है जीवन कौशल शिक्षा: सूर्यकांत
चुनौतीपूर्ण स्थितियों का सामना करने के लिए जरूरी है जीवन कौशल शिक्षा: सूर्यकांत

संवाद सहयोगी, महेंद्रगढ़ :

उम्मीद काउंसलिग सेंटर डाइट महेंद्रगढ़ के मनोवैज्ञानिक सूर्यकांत यादव का कहना है कि आज के इस भौतिकवादी युग में अधिकांश निजी विद्यालयों का फोकस बच्चे की बौद्धिक क्षमता बढ़ाने पर होता है। लगभग सभी विद्यालयों में एक निश्चित या बंधे हुए पाठ्यक्रम की शिक्षा दी जाती है और उसी पाठ्यक्रम के आधार पर बच्चे का मूल्यांकन किया जाता है। इतना ही नहीं अभिभावक तथा शिक्षक भी उस निश्चित पाठ्यक्रम को आधार मानकर बौद्धिक क्षमता या बुद्धि लब्धि बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करते हैं।अभिभावक व विद्यालय प्रबंधन चाहता है कि हमारा बच्चा अपनी बौद्धिक क्षमता का उपयोग कर कक्षा में अधिकाधिक नम्बर प्राप्त कर जीवन की ऊंचाइयों को छुए। लेकिन बौद्धिक विकास के साथ-साथ भावनात्मक बुद्धि का विकास भी जरूरी होता है जो छात्रों के व्यवहारिक जीवन के लिए बहुत आवश्यक है। अब शिक्षकों के लिए यह जरूरी है कि छात्रों का मूल्यांकन एक निश्चित व बंधे हुए पाठ्यक्रम के आधार पर करने की बजाय सम्पूर्ण व्यक्तित्व को आधार बनाकर किया जाना चाहिए तथा बच्चों की अभिरुचि को समझकर उनकी कार्यकुशलता को विकसित किया जाना चाहिए। अभिभावक तथा शिक्षकों को यह भली भांति जान लेना चाहिए कि छात्रों के लिए उचित निर्णय लेने,समस्याओं को सुलझाने, गंभीर और सृजनात्मक तरीके से सोचने, प्रभावी ढंग से संवाद करने, स्वस्थ संबंध बनाने, दूसरों के साथ सहानुभूति रखने और स्वस्थ तथा प्रभावी ढंग से अपने जीवन का प्रबंधन करने के लिए एवं चुनौतीपूर्ण स्थितियों का सामना करने के लिए जीवन कौशल शिक्षा बहुत ही आवश्यक है।

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