कटकई के गोबरधन प्रोजेक्ट में किया गया बदलाव

स्वछ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत जिला के गांव कटकई में चल रहे गोबरधन प्रोजेक्ट में थोड़ा बदलाव किया गया है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 03:44 PM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 03:44 PM (IST)
कटकई के गोबरधन प्रोजेक्ट में किया गया बदलाव
कटकई के गोबरधन प्रोजेक्ट में किया गया बदलाव

जागरण संवाददाता, नारनौल: स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत जिला के गांव कटकई में चल रहे गोबरधन प्रोजेक्ट में थोड़ा बदलाव किया गया है। अब प्लांट की बजाए लोगों को घर-घर पाइप लाइन के जरिए गोबर गैस पहुंचाई जाएगी। पहले फेज में 200 घरों में कनेक्शन दिए जाएंगे। उसके बाद शेष घरों में भी कनेक्शन देने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसी संबंध में शुक्रवार को लघु सचिवालय में उपायुक्त अजय कुमार की अध्यक्षता में जिला स्वच्छ भारत मिशन मैनेजमेंट कमेटी (डीएसबीएमएमसी) ने इसकी प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की।

डीसी ने कहा कि गांव में गोबर-धन प्रोजेक्ट का लाभ लोगों को दीर्घकाल तक सफलतापूर्वक दिया जा सके ये सुनिश्चित करने के लिए प्रोजेक्ट की पूर्व में तैयार की गई ड्राईंग आदि में संशोधन करने का फैसला लिया गया है। उन्होंने बताया कि सलाहकार के निर्देशानुसार बायोगैस को घरों में रसोई तक पहुंचाने के लिए मुख्य पाइप लाइन बिछाई जाएंगी। इसके बाद छोटी पाइप लाइन के माध्यम से घरों तक गैस पहुंचाई जाएगी। उपायुक्त ने बताया कि यह प्रोजेक्ट आधा एकड़ में बन रहा है। इसके चारों तरफ बाउंड्री वाल व रास्ते की व्यवस्था की जाएगी। प्रोजेक्ट को इस तरह डिजाइन किया गया है, ताकि भविष्य में इसकी क्षमता को बढ़ाया जा सके। बायोगैस एलपीजी का एक बेहतरीन विकल्प है। यहां हर रोज लगभग 160 किलो गैस का उत्पादन होगा।

प्रोजेक्ट शुरू होने के बाद गांव कटकई जिला महेंद्रगढ़ का ऐसा प्रथम गांव बन जाएगा, जिसमें घरों में पाईप लाईन के जरिए खाना पकाने की गैस उपलब्ध होगी। इससे खाना पकाने के लिए गैस खर्च में बहुत कमी आएगी और लोगों को गैस सिलेंडर उठा कर लाने-ले जाने के झंझट से मुक्ति मिलेगी। प्लांट का संचालन ग्राम पंचायत गांव में स्थित स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से किया जाएगा।

बैठक में एसडीएम मनोज कुमार, नगराधीश अमित कुमार, डीआरडीए से परियोजना अधिकारी गोविद राम शर्मा तथा स्कीम इंचार्ज राजकुमार यादव मौजूद थे। ----

डीएपी यूरिया का बनेगा अच्छा विकल्प

नारनौल: अतिरिक्त उपायुक्त अनुराग ढालिया ने बताया कि इस प्लांट के तैयार होने के बाद न केवल यहां से स्वच्छ इंधन मिलेगा, बल्कि इससे निकलने वाले वेस्ट को खाद के रूप में प्रयोग किया जाएगा। यह सीधा खाद के रूप में भी प्रयोग किया जा सकता है और इसका वर्मी कंपोस्ट भी बनाया जा सकता है क्योंकि इसमें न्यूट्रिएंट वैल्यू बहुत अधिक है। आज लगातार डीएपी तथा यूरिया के प्रयोग से हमारी भूमि की उर्वरा शक्ति कमजोर होती जा रही है अगर किसान इसका उपयोग करेंगे तो उत्पादन भी ज्यादा होगा तथा भूमि की उर्वरा शक्ति भी बरकरार रहेगी।

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गांव में लगभग 760 बड़े पशु

नारनौल: अतिरिक्त उपायुक्त अनुराग ढालिया ने बताया कि यह प्लांट हर रोज आठ मीट्रिक टन गैस का उत्पादन करेगा। यानी हर रोज लगभग 160 किलोग्राम गैस का उत्पादन होगा। पूरे गांव में लगभग 760 बड़े पशु हैं। हर रोज एक पशु से 10 किलो गोबर मिलने का अनुमान लगाया गया है। इस गोबर को हर रोज प्लांट तक पहुंचाने के लिए ट्रैक्टर ट्रॉली की व्यवस्था होगी। यहां पर एक कंट्रोल रूम भी बनाया जाएगा। इस संशोधित प्रोजेक्ट की तकनीकी मंजूरी पंजाब यूनिवर्सिटी से मिल चुकी है।

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