गुरु तेग बहादुर को कभी भुला नहीं सकते

दादा-पिता और पोतों का धर्म और राष्ट्र हित में बलिदान करने वाला दुनिया का एक मात्र परिवार गुरु तेग बहादुर का है। पूरे हिदू समाज को इन पर गर्व है। यह बात बाबा जयराम दास तपोभूमि स्थित राजीव दिक्षित गुरुकुल पाली के छात्रों के सम्मुख गुरु तेग बहादुर के जीवन का वर्णन करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग प्रचार प्रमुख कैलाश पाली ने कहीं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 24 Nov 2021 10:41 PM (IST) Updated:Wed, 24 Nov 2021 10:41 PM (IST)
गुरु तेग बहादुर को कभी भुला नहीं सकते
गुरु तेग बहादुर को कभी भुला नहीं सकते

संवाद सहयोगी, महेंद्रगढ़: दादा-पिता और पोतों का धर्म और राष्ट्र हित में बलिदान करने वाला दुनिया का एक मात्र परिवार गुरु तेग बहादुर का है। पूरे हिदू समाज को इन पर गर्व है। यह बात बाबा जयराम दास तपोभूमि स्थित राजीव दिक्षित गुरुकुल पाली के छात्रों के सम्मुख गुरु तेग बहादुर के जीवन का वर्णन करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग प्रचार प्रमुख कैलाश पाली ने कहीं।

उन्होंने कहा की 500 कश्मीरी हिदुओं ने गुरु तेग बहादुर के सामने उपस्थित होकर औरंगजेब द्वारा हिदू समाज पर किए जा रहे अत्याचारों से छुटकारा दिलाने की प्रार्थना की। इस पर तेग के धनी तेग बहादुर चितित हो गए। तब उनके बेटे ने जो बाद में सिखों के दसवें गुरु बने गोविद सिंह, उन्होंने कहा कि पिताजी यदि आप का बलिदान समाज को मुगलों के अत्याचारों से मुक्ति दिला सकता है तो आपको समाज हित बलिदान हो जाना चाहिए। मुगलों ने गुरु पर बहुत अधिक अत्याचार किए, परंतु हिदू धर्म को बचाने के लिए उन्होंने अपना बलिदान दिया, लेकिन इस्लाम स्वीकार नहीं किया। इसी परंपरा को उनके परिवार ने आगे बढ़ाया, मां गुजरी, गुरु गोविद सिंह और उनके चारों बेटे जोरावर, फतेह सिंह, अजीत सिंह, जुझार सिंह राष्ट्र हित के लिए बलिदान की बलिवेदी पर चढ़ गए। पाली ने कहा की आज सिख समाज को हिदू समाज से अलग करने का कुचक्र विदेशी ताकतों द्वारा चलाया जा रहा है। परंतु कभी भी उन्हें यह सफलता नहीं मिलेगी। हमारा समाज सदैव एक दूसरे पर विपदा आने पर संगठित होकर खड़ा रहेगा। कार्यक्रम में गुरुकुल के सभी विद्यार्थियों ने गुरु तेग बहादुर को नमन किया।

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