माफिया अन्ना की डायरी खोलेगी कई राज

रिमांड खत्म होने पर सोमवार को सीआइए नारनौल ने अन्ना गैंग लीडर प्रदीप व उसके साथी लोकेश उर्फ लक्की को अदालत नारनौल पेश किया जो अदालत ने दोनों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत नसीबपुर जेल भेज दिया है। रिमांड के दौरान अन्ना से एक रिवाल्वर व डायरी बरामद की है जिसमें सभी गैंग मेंबरों के नाम व पते लिखे हुए थे ।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 28 Sep 2020 08:25 PM (IST) Updated:Tue, 29 Sep 2020 05:14 AM (IST)
माफिया अन्ना की डायरी खोलेगी कई राज
माफिया अन्ना की डायरी खोलेगी कई राज

जागरण संवाददाता, नारनौल:

रिमांड खत्म होने पर सोमवार को सीआइए नारनौल ने अन्ना गैंग लीडर प्रदीप व उसके साथी लोकेश उर्फ लक्की को अदालत नारनौल पेश किया जो अदालत ने दोनों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत नसीबपुर जेल भेज दिया है। रिमांड के दौरान अन्ना से एक रिवाल्वर व डायरी बरामद की है, जिसमें सभी गैंग मेंबरों के नाम व पते लिखे हुए थे।

पुलिस प्रवक्ता नरेश कुमार ने बतलाया शहर नारनौल में पिछले महीने दो वारदात गोली चलाकर 50-50 हजार रंगदारी मांगने की हुई थी, जिससे शहर में दहशत का माहौल बन गया था। सीआइए नारनौल ने 48 घंटे में ही इस गैंग का पता लगा लिया। इससे पहले और कोई अन्य वारदात को अंजाम देते पुलिस ने आरोपितों की घेरा बंदी करके बारी-बारी से गिरफ्तार किया है। इस गैंग के लीडर प्रदीप उर्फ अन्ना ने भी अपने साथी लोकेश के साथ मजबूर होकर 23 सितंबर की रात सीआइए पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया था। सीआइए ने आरोपित अन्ना व उसके साथी को कोर्ट में पेश करके 5 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया था। रिमांड के दौरान आरोपित गैंग लीडर प्रदीप ने पुलिस को बताया कि ये 50-50 लाख रुपये रंगदारी मांगने की हमने शुरुआत की थी। हमारे अगले टारगेट शहर मंडी नारनौल के व्यापारी थे पर भाजपा नेता दयाराम के बेटे को गोली मारनी बहुत महंगी पड़ी। जब अगले दिन वाट्सएप पर न्यूज देखी की सीआइए व अन्य पुलिस की टीम वारदात के आरोपितों की खोज में जुट गई हैं, जिससे मैं डर गया और मैने अपने साथियों से कहा कि गोली मारकर यह हमने बड़ी गलती कर दी हैं। अब हमें यहां से भाग जाना चाहिए। मैने सभी गैंग के सदस्यों के नाम व नंबर और पता अपनी डायरी में लिख लिया। अलग अलग होकर शहर नारनौल से भाग गए पर पुलिस की लगातार दबिश से डर के मारे अलग अलग शहरों में भागता रहा। मेरे पास पैसे भी खत्म हो गए। एक दो जगह रुपये मांगे पर नहीं मिले। आखिर में हमने सीआइए में आकर सरेंडर कर दिया ।

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जनता क‌र्फ्यू से 2 दिन पहले खरीदा था हथियार

आरोपित अन्ना ने पूछताछ पर बताया कि 2009 में नारनौल मंडी के व्यापारी को गोली मारने के जुर्म में जेल में बंद था। तभी मेरी मुलाकात कासनी गांव के एक लड़के से हुई, जो हत्या के मामले में जेल में बंद था। तभी से मेरी दोस्ती चली आ रही थी। उसी के साथ मैंने जनता क‌र्फ्यू से पहले मथुरा के पास एक गांव से अवैध हथियार लाया था। इसके बाद इसी दोस्त के दोस्त प्रवीन की मदद से हमने यह गैंग तैयार की । ---------

सीआइए नारनौल पुलिस द्वारा प्रदीप उर्फ अन्ना गैंग के सभी सदस्य सोमबीर,राकेश,रोहित,विकाश,सोनू,प्रवीन पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। इस गैंग का अब कोई सदस्य बाहर नहीं है और गैंग का पटाक्षेप हो चुका हैं

-- पुलिस अधीक्षक चंद्रमोहन ।

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