31 दिसंबर तक किसान करवाएं अपनी फसल का बीमा

कार्यालय उपमंडल कृषि अधिकारी ने बताया कि कुछेक बदलावों के साथ हरियाणा सरकार ने 15 जुलाई 2020 को अधिसूचना जारी कर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को खरीफ 2020 से रबी 2022-23 तक स्वैिछक तौर पर लागू कर दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 02 Dec 2020 05:52 PM (IST) Updated:Wed, 02 Dec 2020 05:52 PM (IST)
31 दिसंबर तक किसान करवाएं 
अपनी फसल का बीमा
31 दिसंबर तक किसान करवाएं अपनी फसल का बीमा

संवाद सहयोगी, महेंद्रगढ़: कार्यालय उपमंडल कृषि अधिकारी ने बताया कि कुछेक बदलावों के साथ हरियाणा सरकार ने 15 जुलाई 2020 को अधिसूचना जारी कर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को खरीफ 2020 से रबी 2022-23 तक स्वैच्छिक तौर पर लागू कर दिया है। फसल बीमा के लिहाज से पूरे प्रदेश को तीन क्लस्टर में बांटा गया है। महेंद्रगढ़ जिला क्लस्टर दो में आता है, जिसमें तीन वर्ष की अवधि के लिए रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड बीमाकर्ता कंपनी के रूप में अपनी सेवाएं देगी।

कृषि विभाग के सांख्यिकी पर्यवेक्षक अनिल यादव भगड़ाना ने बताया कि पहले किसान क्रेडिट कार्ड धारक यानी ऋणी किसानों के लिए यह योजना अनिवार्य और गैर ऋणी किसानों के लिए स्वैच्छिक होती थी। लेकिन लंबे समय से ऋणी किसानों की मांग को देखते हुए हरियाणा सरकार ने सीजन खरीफ 2020 से किसान क्रेडिट कार्ड धारक यानी ऋणी किसानों के लिए भी इसे स्वैच्छिक कर दिया है, बशर्ते जो केसीसी धारक या ऋणी किसान फसल बीमा का लाभ नहीं लेना चाहता, उसे 24 दिसंबर से पहले-पहले अपने ऋणदाता बैंक को इस बारे लिखित घोषणा पत्र देना होगा । यदि कोई ऋणी किसान बीमा करवाना चाहता है तो बैंक को बोई गई फसल के बारे में बताना होगा अन्यथा बैंक द्वारा अपने रिकार्ड में दर्ज फसल के अनुसार ही उसका बीमा कर दिया जाएगा।

इसी प्रकार यदि गैर ऋणी किसान अपनी फसल का बीमा करवाना चाहता है तो वह अपनी जमीन का का विवरण, संबंधित पटवारी या कृषि विकास अधिकारी द्वारा जारी काश्त प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, बैंक पासबुक इत्यादि सहित अपने बैंक, जहां किसान का बचत खाता है या किसी भी कॉमन सर्विस सेंटर या बीमा कंपनी के प्रतिनिधि या पीएमएफबीवाई डॉट जीओवी डॉट इन पोर्टल पर स्वयं भी अपनी फसल का बीमा कर सकता है।

भूमिहीन किसान को बीमा का लाभ लेने के लिए भूस्वामी से लीज डीड या रेंट एग्रीमेंट या एफिडेविट इत्यादि भी साथ देना होगा और यदि किसी किसान ने पंचायती जमीन पट्टे पर ले रखी है तो उसे पंचायत द्वारा दी गई पक्की रसीद बैंक में देनी होगी।

इस सीजन में फसल बीमा की अंतिम तिथि 31 दिसम्बर है। इसमें पांच फसलें क्रमश: गेहूं, जौ, चना, सरसों और सूरजमुखी शामिल हैं चूंकि महेंद्रगढ़ जिले में सूरजमुखी की काश्त नहीं होती, इस प्रकार इस क्षेत्र में मुख्यत: चार फसलों क्रमश: गेहूं, जौ, चना और सरसों को ही बीमित फसल माना जाता है, जिसमें गेहूं फसल की बीमा राशि 26 हजार रुपये प्रति एकड़, जिसका 1.5 फीसदी प्रीमियम 390 रुपये प्रति एकड़, जौ फसल की बीमा राशि 17 हजार रुपये, जिसका प्रीमियम 255 रुपये प्रति एकड़, चना फसल की बीमा राशि 13 हजार रुपये, जिसका प्रीमियम 195 रुपये प्रति एकड़, जबकि सरसों फसल की बीमा राशि 17,500 रुपये है। इसका प्रीमियम 263 रुपये प्रति एकड़ बनता है। किसान को केवल प्रीमियम राशि का ही भुगतान करना होता है शेष भुगतान राज्य और केंद्र सरकार द्वारा किया जाता है।

उपमंडल कृषि अधिकारी डा. अजय यादव ने बताया कि कृषि विभाग निदेशालय ने फसल बीमा से सम्बंधित जानकारी और शिकायत के लिए टोल फ्री नंबर18001802117 जारी कर रखा है। वहीं दूसरी और विभाग भी समय-समय पर अपनी कृषि विस्तार गतिविधियों में विशेष रुप से फसल बीमा के बारे में किसानों को जागरूक करता रहता है।

उपकृषि निदेशक डा. जसविदर सिंह सैनी ने बताया कि बीमा कंपनी ने जिले में जिला प्रतिनिधि के अलावा प्रत्येक खंड में खंड स्तरीय कर्मियों को नियुक्त कर रखा है जोकि कृषि विभाग के कार्यालयों में ही बैठते हैं। इसके अतिरिक्त फसल बीमा के प्रचार-प्रसार के लिए बीमा कंपनी की एक वैन को भी रवाना किया जाएगा, जो गांव-गांव जाकर फसल बीमा के बारे किसानों को जागरूक करेगी, ताकि अधिक से अधिक किसान इस योजना का लाभ उठा सकें।

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