पवेरा के राजकीय विद्यालय में नई शिक्षा पर की चर्चा

नई शिक्षा नीति 2020 को केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलते ही राज्य सरकार ने भी नई शैक्षणिक व्यवस्था पर लोगों से चर्चा शुरू कर दी है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 25 Sep 2020 04:39 PM (IST) Updated:Fri, 25 Sep 2020 05:26 PM (IST)
पवेरा के राजकीय विद्यालय में नई शिक्षा पर की चर्चा
पवेरा के राजकीय विद्यालय में नई शिक्षा पर की चर्चा

जागरण संवाददाता, नारनौल :

नई शिक्षा नीति 2020 को केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलते ही राज्य सरकार ने भी नई शैक्षणिक व्यवस्था पर लोगों से चर्चा शुरू कर दी है। इसी कड़ी में शुक्रवार को शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों के माध्यम से स्कूल प्रबंधन समिति, ग्राम पंचायतों एवं अभिभावकों से बातचीत की। शिक्षा विभाग की तरफ से आज जिलेभर के राजकीय विद्यालयों में इस संदर्भ में बैठकों का आयोजन किया गया।

राजकीय माध्यमिक एवं प्राथमिक विद्यालय पावेरा में नई शिक्षा नीति पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें सरपंच ललिता देवी ने मुख्य रूप से शिरकत की। वहीं अध्यक्षता मुख्य अध्यापक वेदप्रकाश ने की। कलस्टर मुखिया ओमप्रकाश मोरवाल के निर्देशन में आयोजित इस कार्यशाला में नई शिक्षा नीति और उसकी व्यावहारिकता पर मंथन किया गया। मुख्य अध्यापक वेदप्रकाश ने कहा कि नई शिक्षा नीति में कई बड़े बदलाव किए गए हैं, जिनमें शीर्ष विदेशी विश्वविद्यालयों को भारत में कैंपस स्थापित करने की अनुमति देना, छात्रों को व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त करना और संस्थानों की दिशा में एक बड़ा कदम शामिल है। शिक्षक संजय शर्मा ने कहा कि एक तिहाई सदी से भी अधिक समय बीत जाने के बाद 1986 के पश्चात शिक्षा नीति में बदलाव करना सरकार की गंभीरता को दर्शाता है। सरकार ने शिक्षा के व्यवसायीकरण को रोकने का प्रयास करते हुए इसे एक सुधारवादी और व्यावहारिक नीति बनाने का प्रयास किया है। इस नीति में इ-पाठ्यक्रम को प्रभावी बनाने पर बल दिया गया है। मुख्य शिक्षक रविभारत और अध्यापक कर्ण सिंह ने भी नई शिक्षा नीति पर अपने विचार सांझा करते हुए इसे आधुनिक भारत की तरफ एक कदम बताया। प्रमोद शास्त्री और रोहिताश सिंह ने कहा कि नई शिक्षा नीति विद्यालयी शिक्षा में सकारात्मक परिवर्तन ला सकेगी। इस अवसर पर मुकेश पंच, सुनील, सतवीर, मदन लाल, संदीप व परमिद्र सिंह आदि उपस्थित थे।

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