बीमारियों को आमंत्रण दे रही खरपतवार
सतनाली क्षेत्र में विभिन्न स्थानों विशेषकर खुले मैदानों में खरपतवार बढ़ने से लोगों की परेशानी बढ़ गई है।
संवाद सहयोगी, सतनाली:
सतनाली क्षेत्र में विभिन्न स्थानों विशेषकर खुले मैदानों में खरपतवार बढ़ने से लोगों के लिए परेशानी का सबब बने हैं। यह खरपतवार न केवल मनुष्य के लिए घातक है, बल्कि पशुओं के लिए भी हानिकारक बताए गए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि शरीर में फेफड़ों के रोगों को बढ़ावा देती है तथा क्षय रोग जैसी बीमारियों को बढ़ावा देती हैं। सतनाली क्षेत्र में खाली जगह में ऐसा कोई कोना नहीं होगा जहां यह खरपतवार (कांग्रेस घास) ने अपने पांव न पसारे हों। सड़क के किनारों से लेकर सरकारी भवनों तक में ये घास उगा हुआ है। सतनाली में शहीद पार्क, सरकारी स्कूल की चारदीवारी के पास, विश्रामगृह, रेलवे स्टेशन क्षेत्र में घास घनी हो गई हैं। प्रशासन की ओर से भी इन्हें समाप्त करने के लिए कोई प्रयास नहीं किए गए है। बारिश का मौसम होने के कारण यह तेजी से बढ़ रही है।
चिकित्सक डॉ. जितेंद्र सिंह चौधरी कहते हैं कि यह खरपतवार त्वचा संबंधी रोगों की जननी है। इसके स्पर्श से शरीर पर न केवल खारिश हो जाती है बल्कि एलर्जी सहित अनेक त्वचा रोग पनप जाते हैं। बरसात में यह अत्यधिक मात्रा में बढ़ती है। यदि समय रहते इसको खत्म नहीं किया तो यह हमारे लिए घातक सिद्ध होगी।