अनलॉक के बाद चरमराने लगी सफाई व्यवस्था

अनलॉक वन के प्रथम दस दिनों में जहां जनजीवन धीरे धीरे पटरी पर लौट रही लेकिन शहर में सफाई व्यवस्था चरमराने लगी है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 10 Jun 2020 05:41 PM (IST) Updated:Wed, 10 Jun 2020 05:41 PM (IST)
अनलॉक के बाद चरमराने लगी सफाई व्यवस्था
अनलॉक के बाद चरमराने लगी सफाई व्यवस्था

जागरण संवाददाता, नारनौल:

अनलॉक वन के प्रथम दस दिनों में जहां जनजीवन धीरे धीरे पटरी पर लौटने लगा है वहीं शहर की सफाई व्यवस्था भी प्रभावित होने लगी है। जगह जगह कूड़ा कचरा की ढेर, बेसहारा पशुओं का इनमें जमावड़ा के साथ मक्खी मच्छरों के प्रकोप से शहर की सुंदरता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। भले प्रशासन नियमित रूप से सफाई करने का दावा कर रहा है लेकिन शहर के मुख्य व व्यस्त मार्ग पर लगे कूड़े कचरे का ढेर हकीकत बयां कर रहा है। लंबे समय बाद प्रतिष्ठान खुले तो लोग सहूलियत के अनुसार कूड़ा कचरा जहां तहां फेंकने लगे हैं। महावीर चौक से बस अड्डा की ओर जाने वाले मार्ग पर जगह जगह कूड़ा कचरा बिखरा रहता है। बिजली बोर्ड उपमंडल कार्यालय के बाहर भी कूड़े का ढेर लगा रहता है जहां बेसहारा पशु प्लास्टिक और कूड़े में मुंह मारते रहते हैं। ऐसे में कई बार पशुओं की लड़ाई के कारण वाहन चालकों और राहगीरों को इनकी हिसा का शिकार होना पड़ रहा है। कई लोग सड़क के बीच में ही कचरा फेंकते हैं जिससे गंदगी व बीमारियों का अंदेशा रहता है।

बिखरा रहता है कचरा:

लोगों का कहना है कि शहर के विभिन्न स्थानों पर कूड़ादान पर्याप्त संख्या में रखा जाए तो गंदगी कम फैलेगी। वैसे तो नगर परिषद द्वारा शहर के 25 वार्डों सहित बाजारों व सार्वजनिक स्थानों की सफाई के लिए करीब 225 सफाई कर्मचारी लगाए हैं। इसके अलावा छह ट्रैक्टर-ट्राली व 20 टैंपो के अलावा जेसीबी मशीन व डंपर के माध्यम से शहर में कूड़े के उठान का कार्य किया जा रहा है लेकिन सार्वजनिक स्थानों पर कुछ कूड़ा पात्र रखे जाएं तो कुछ हद तक गंदगी फैलने से रोका जा सकता है।

संक्रमित कचरे से रहता है खतरा :

मेडिकल स्टोर, स्वास्थ्य केंद्र और सड़े गले फल सब्जियों के सार्वजनिक स्थानों पर फेंकने से संक्रमण फैलने का डर रहता है। मास्क पहनना अनिवार्य किया है तो प्रतिदिन पुराने मास्क इस्तेमाल करके इधर-उधर फेंक देते हैं। इससे संक्रमित व्यक्ति के मास्क से संक्रमण फैलने का अंदेशा रहता है।

स्वीपिग मशीन से धूल मिट्टी ही उठा सकते हैं:

अभी एक सप्ताह पहले नगर परिषद को स्वीपिग मशीन मिली है। जो तीस किलोमीटर की दूरी तक प्रतिदिन सफाई करती है। यह मशीन धूल मिट्टी ही साफ कर सकती है कूड़ा कचरा तो उठवाना ही पड़ेगा।

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सफाई व्यवस्था को लेकर पूरी तरह गंभीर हैं। कई बार कर्मचारी सफाई करने के बाद आगे निकलते हैं तो लोग बाद में कूड़ा कचरा फेंकते हैं। कई जगह कूड़ा पात्र रखे हुए हैं फिर भी लोग इधर उधर बिखेरते हैं। कोरोना संक्रमण के साथ गर्मी और बारिश के कारण बीमारियों से बचाव के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है।

- भारती सैनी, चेयरपर्सन, नगर परिषद नारनौल।

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