ये कैसा अंधा कानून : पिता के ब्यान से ठप हो गया बेटी की मौत का मामला

ये कैसा अंधा कानून है, मात्र पिता के ब्यान देने से ही बेटी की मौत का मामला ठप हो गया है। .खाकी वर्दी भी आंखें मूंद तमाशा देख रही है। .पुलिस कहती है कि शिकायत ही नहीं आई तो कार्रवाई किस बात की। कोई पूछने वाला ही नहीं कि आखिर उस बच्ची की मौत का कारण क्या था। किस तरह से वह बच्ची खेलते-खेलते गोबर गैस प्लांट में समा गई और उसकी सांसें हमेशा के लिए थम गई।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Feb 2019 08:18 AM (IST) Updated:Tue, 19 Feb 2019 08:18 AM (IST)
ये कैसा अंधा कानून : पिता के ब्यान से ठप हो गया बेटी की मौत का मामला
ये कैसा अंधा कानून : पिता के ब्यान से ठप हो गया बेटी की मौत का मामला

ज¨तद्र ¨सह चुघ, शाहाबाद : ..ये कैसा अंधा कानून है, मात्र पिता के ब्यान देने से ही बेटी की मौत का मामला ठप हो गया है। .खाकी वर्दी भी आंखें मूंद तमाशा देख रही है। .पुलिस कहती है कि शिकायत ही नहीं आई तो कार्रवाई किस बात की। कोई पूछने वाला ही नहीं कि आखिर उस बच्ची की मौत का कारण क्या था। किस तरह से वह बच्ची खेलते-खेलते गोबर गैस प्लांट में समा गई और उसकी सांसें हमेशा के लिए थम गई। मात्र पिता के इस ब्यान से कि उसे इस मौत पर किसी तरह की शिकायत नहीं है। पुलिस ने कार्रवाई ही नहीं की और मूक दर्शक बन गई। ऐसे बहुत से सवाल इस बेटी की मौत को लेकर मुंह बाय खड़े हैं। अगर आज इन सवालों का जवाब न मिला तो निश्चित रूप से वह बेटी न्याय से वंचित रहेगी और पुलिस सहित वह सभी लोग भी गुनाहगार रहेंगे, जिन्हें मालूम है कि बच्ची की मौत का कारण क्या है।

गौरतलब है कि रविवार को सायं सब्जी मंडी के पास ढ़ाई वर्षीय बच्ची खेलते-खेलते खेतों में खुले पड़े गोबर गैस प्लांट में जा समाई। उस दल-दल में वह ऐसी फंसी की कुछ ही क्षणों में उसकी मौत हो गई। बाहर पड़ी चप्पलों से उसके परिजनों ने अंदाजा लगाया कि उनकी बेटी सुहानी इस गोबर गैस प्लांट में गिरी है। जब गोबर प्लांट को खंगाला गया तो बच्ची का शव उसमें से निकला। मृत बच्ची के परिजन शव का पोस्टमार्टम कराने की बजाए, उसे शमशान घाट में जाकर दफना आए। बेशक मां व पिता की आंखों से आंसू नहीं थम रहे थे बच्ची का पिता बचा राम पुलिस में यह ब्यान देकर आया कि उसे किसी तरह की शिकायत नहीं है। हालांकि यह स्पष्ट है कि बच्ची की मौत खुले गोबर गैस प्लांट में गिरने से हुई है। अगर यह प्लांट ऊपर से कवर होता या ढका होता तो उस बच्ची की जान नहीं जाती। मां यह कह कर रोती है कि वह छोटे बेटे को दूध पिला रही थी, इसी बीच बेटी कहां गई पता ही नहीं चला। पिता का कहना है कि वह अपनी बेटी को खाना खिलाकर काम पर गया था, लेकिन अब दोनों में से कोई भी बोलने का तैयार नहीं। इस बारे में जब थाना प्रभारी दीदार ¨सह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर उनके पास किसी तरह की कोई शिकायत नहीं आई।

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