गांवों में संक्रमण खत्म करने उतरे ग्रामीण, सैनिटाइजेशन पर जोर
कु्रुक्षेत्र गांवों से कोरोना व इसके संक्रमण को खत्म करने के लिए ग्रामीण मैदान में उतर आए हैं। सरपंच और उनके प्रतिनिधि अपना कार्यकाल खत्म होने के बाद भी गांवों में सैनिटाइज करना शुरू कर दिया है। कोरोना संक्रमण के प्रभावी गांवों में लोग ज्यादा गंभीर है।
जागरण संवाददाता, कु्रुक्षेत्र : गांवों से कोरोना व इसके संक्रमण को खत्म करने के लिए ग्रामीण मैदान में उतर आए हैं। सरपंच और उनके प्रतिनिधि अपना कार्यकाल खत्म होने के बाद भी गांवों में सैनिटाइज करना शुरू कर दिया है। कोरोना संक्रमण के प्रभावी गांवों में लोग ज्यादा गंभीर है। गांव बन में सरपंच जितेंद्र काका खुद ट्रैक्टर पर मशीन लेकर गांव को सैनिटाइजर करने में लगे हैं। उन्होंने बताया कि वे दूसरी बार गांव को सैनिटाइज कर चुके हैं।
कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है। जिले के पांच गांवों में संक्रमण सबसे अधिक फैल रहा है। कई गांवों में तो हर घर में बुखार या संक्रमण का मरीज है। स्वास्थ्य विभाग ने पिछले दिनों कई गांवों में शिविर लगाकर लोगों के सैंपल लिए थे। इनमें कई लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। सरकार ने गांवों से संक्रमण खत्म करने के लिए ग्राम पंचायतों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी है। ग्राम पंचायतों को आबादी अनुसार 50 हजार रुपये तक का फंड जारी करने का फैसला लिया है।
गांवों में आइसोलेशन सेंटर होंगे
फंड से गांवों में आइसोलेशन सेंटर स्थापित किए जाएंगे। सेंटर गांवों की चौपाल, सरकारी स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्र में होंगे। यहां ऑक्सीमीटर, स्टीम मशीन, थर्मामीटर, ब्लड प्रेशर मशीन व कोरोना से संबंधित आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाएं होंगी। इनके संचालन के लिए एक टीम का गठन किया जाएगा। जिसमें स्वास्थ्य कर्मचारी (एएनएम), आंगनबाड़ी वर्कर व ग्राम पंचायत प्रतिनिधि शामिल होंगे। टीमों की समीक्षा सीएचसी व पीएचसी के इंचार्ज करेंगे।
विधायक ने सरकार की सराहना की
थानेसर विधायक सुभाष सुधा ने कहा कि गांवों में बढ़ रहा कोरोना चिता का विषय है। प्रदेश सरकार ग्रामीण की सेहत को लेकर गंभीर है। गांवों में कोरोना टेस्टिग बढ़ाने के लिए टीमों का गठन किया जा रहा है। संक्रमित लोगों को इलाज के लिए गांवों में ही आइसोलेशन सेंटर बनाया जाएगा। इसके लिए पंचायतों को जल्द ही फंड मुहैया कराया जाएगा। 10 हजार की जनसंख्या से कम वाले गांवों को 30 हजार और इससे अधिक आबादी वाले गांवों को 50 हजार रुपये का फंड दिया जाएगा।