दूषित पानी की निकासी न होने से ग्रामीण बदहाल

गांव सैनी माजरा दूषित पानी की निकासी ना होने से बदहाल हालत का सामना कर रहा है। गांव एक प्रकार से तालाब का रूप धारण कर चुका है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 11 Sep 2021 09:15 PM (IST) Updated:Sat, 11 Sep 2021 09:15 PM (IST)
दूषित पानी की निकासी न होने से ग्रामीण बदहाल
दूषित पानी की निकासी न होने से ग्रामीण बदहाल

संवाद सहयोगी, इस्माईलाबाद : गांव सैनी माजरा दूषित पानी की निकासी ना होने से बदहाल हालत का सामना कर रहा है। गांव एक प्रकार से तालाब का रूप धारण कर चुका है। प्रशासन गांव की खैर खबर लेने की जरा भी जहमत नहीं उठा रहा है। गांव के लोग अब बीमारी फैलने के भय से सहमे हुए हैं।अंबाला-हिसार हाईवे किनारे गांव ठोल के पास बसे सैनी माजरा की हालत दिन प्रतिदिन बद से बदतर होती जा रही है। गांव की हालत का इसी से सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि गांव की राजकीय प्राथमिक पाठशाला, बस अड्डा और प्राचीन मंदिर गंदे पानी की जद में आ चुके हैं। इन तीनों के आसपास गंदे पानी को घेरा है। गांव की गलियों में हर समय गंदा पानी विचरण कर रहा है। लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो गया है। ग्रामीण सुरेश कुमार, नरेश और राम कुमार ने बताया कि गांव की गंदे पानी की निकासी का कोई प्रबंध नहीं है। गांव के आसपास के खेतों में फसल के कारण निकासी पूरी तरह से ठप होकर रह गई है। मामूली बरसात में तो गांव की हालत बेहद नाजुक बन जाती है। गांव की महिलाओं ने बताया कि अधिकांश घरों से निकलना तक मुश्किल हो गया है। घरों के आसपास गंदे पानी के कारण वातावरण दुर्गंधमय बना हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि यही हाल रहा तो गांव एक दिन बीमारियों की चपेट में आ जाएगा।

गांव के सरपंच कृष्ण कुमार का कहना है कि वे लंबे समय से निकासी के लिए बार बार प्रशासन से मांग करते आ रहे हैं। मगर अभी तक कोई प्रयास नहीं किया गया है। ग्रामीण हलका के जजपा विधायक रामकरण काला के समक्ष भी समस्या रख चुके हैं। उनके आश्वासन के बाद भी समाधान नहीं हो पाया।

chat bot
आपका साथी