विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता से छेड़छाड़ पर उग्र हुए विवि कर्मचारी संगठन

प्रदेशभर के विश्वविद्यालयों के कर्मचारियों पर भी एचआरएमएस लागू करने के फैसले को स्वायत्तता पर हमला बता कर विवि कर्मचारी संगठन उग्र हो गए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 07:53 AM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 07:53 AM (IST)
विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता से छेड़छाड़ पर उग्र हुए विवि कर्मचारी संगठन
विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता से छेड़छाड़ पर उग्र हुए विवि कर्मचारी संगठन

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : प्रदेशभर के विश्वविद्यालयों के कर्मचारियों पर भी एचआरएमएस लागू करने के फैसले को स्वायत्तता पर हमला बता कर विवि कर्मचारी संगठन उग्र हो गए हैं। विवि के कर्मचारी संगठनों ने इसके विरोध में वीरवार को आल हरियाणा यूनिवर्सिटी एंपलाइज फेडरेशन के बैनर तले चंडीगढ पहुंच मुख्यमंत्री के ओएसडी भूपेश्वर दयाल और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन सौंपने के बाद कर्मचारी संगठनों ने अगले सप्ताह ही कुरुक्षेत्र में बैठक कर संघर्ष की रणनीति तैयार करने की बात कही है।

कर्मचारियों का नेतृत्व करते हुए आल हरियाणा यूनिवर्सिटी एंपलाइज फेडरेशन के अध्यक्ष दयानंद सोनी ने कहा कि सरकार लगातार विश्वविद्यालयों के कर्मचारी हितों की अनदेखी कर रही है। इस अनदेखी से प्रदेश के भर के विवि में कार्यरत कर्मचारियों में रोष है। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय गैर शिक्षक कर्मचारी संघ (कुंटिया) के महासचिव रविद्र तोमर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने 26 जुलाई को विवि कर्मचारियों को भी एचआरएमएस पोर्टल से जोड़ने को लेकर पत्र जारी कर दिया है। उन्होंने मांग की है कि विश्वविद्यालयों के अधिकार विवि के कुलपतियों को दिए जाएं। सरकार ग्रुप सी और डी की भर्तियों को भी अपने स्तर पर करने की तैयारी कर रही है। ऐसे में विश्वविद्यालय की स्वायत्तता पर खतरा मंडरा रहा है। इससे कर्मचारियों में रोष है। यह सीधे-सीधे विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता से छेड़छाड़ है। इस फैसल के विरोध में फेडरेशन ने अगले सप्ताह ही कुवि में बैठक बुलाकर रणनीति तय करने का फैसला लिया है। इस अवसर पर प्रतिनिधिमंडल कुंटिया प्रधान नीलकंठ शर्मा, सह सचिव अनिल लोहट, प्रेस सचिव रुपेश खन्ना और रमेश बल्यान मौजूद थे। प्रधान नीलकंठ शर्मा ने कहा की आज की मुख्य मांग में ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी का फेडरेशन की तरफ से विरोध किया गया। उन्होंने कहा कि एचआरएमएस के लागू होने से विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता पर हमला किया जा रहा है जिसका कर्मचारियों में गहरा रोष है। महासचिव रविद्र तोमर ने कहा कि कर्मचारी संगठन शुरू से ही सरकार से मांग करते आए हैं कि उनकी मांगों को जल्द पूरा किया जाएं।

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