47 में से 12 बच्चे मिले दिल के रोगी

लोकनायक जयप्रकाश नागरिक अस्पताल में शनिवार को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम और जिला शीघ्र हस्तक्षेप केंद्र की ओर से बाल हृदय रोग जांच शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में 47 बच्चों का पंजीकरण किया हुआ जिनकी ईको की गई। इनमें से 12 बच्चों को दिल में कई प्रकार के जन्मजात हृदय विकार पाए गए। शिविर का शुभारंभ जिला सिविल सर्जन डॉ. सुखबीर मेहला द्वारा किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 19 Jan 2020 06:50 AM (IST) Updated:Sun, 19 Jan 2020 06:50 AM (IST)
47 में से 12 बच्चे मिले दिल के रोगी
47 में से 12 बच्चे मिले दिल के रोगी

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : लोकनायक जयप्रकाश नागरिक अस्पताल में शनिवार को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम और जिला शीघ्र हस्तक्षेप केंद्र की ओर से बाल हृदय रोग जांच शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में 47 बच्चों का पंजीकरण किया हुआ, जिनकी ईको की गई। इनमें से 12 बच्चों को दिल में कई प्रकार के जन्मजात हृदय विकार पाए गए। शिविर का शुभारंभ जिला सिविल सर्जन डॉ. सुखबीर मेहला द्वारा किया गया।

डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. संदीप अग्रवाल ने बताया कि शिविर में शून्य से 18 साल तक के बच्चों का चेकअप हुआ जो स्कूल या आंगनबाड़ी में पंजीकृत होते हैं। इसके बाद जिन बच्चों में किसी तरह के हृदय रोग होने की संभावना होती है, उन्हें चिन्हित किया जाता है। इस शिविर में इन्हीं बच्चों की ईको बाहर से आए विशेषज्ञों द्वारा की गई। डॉ. संदीप अग्रवाल ने बताया कि जिन बच्चों को आपरेशन की जरूरत होती है उन बच्चों का आपरेशन बड़े अस्पताल में सरकार की ओर से कराया जाता है। पिछले वर्ष 20 से ज्यादा बच्चों का आपरेशन सरकारी और निजी अस्पतालों में कराया जा चुका है। शिविर में जयपुर के हृदयालय मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल से आए बाल हृदय रोग चिकित्सक डॉ. सुनील कुमार गुप्ता ने कहा कि बहुत से बच्चों को जन्मजात हृदय रोग हो जाता है। उनके हृदय में छेद मिलता है। इनमें से कुछ बच्चों का छेद समय के साथ भर जाता है, लेकिन यह सब बच्चों के साथ नहीं होता। इसलिए अगर किसी बच्चे की सांस फूल रही है, शरीर के अंग नीले पड़ रहे हैं, धड़कन महसूस होती है और ज्यादा पसीना आता है तो यह लक्षण हृदय रोग के हो सकते हैं। विशेषज्ञों से इसकी जांच कराएं, ताकि उनका उपचार हो सके।

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