नियमों को ताक पर रखकर दौड़ा रहे ट्रैक्टर-ट्राली
शहर की सड़कों पर नियमों को ताक पर रखकर अवैध तरीकों से बिना परमिट और फिटनेस के ही ट्रैक्टर-ट्रालियां दौड़ रही हैं। जिन ट्रैक्टर व ट्रालियों को खेतीबाड़ी के लिए सब्सिडी पर किसान खरीदता है उनका अधिकतर दुरुपयोग हो रहा है।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : शहर की सड़कों पर नियमों को ताक पर रखकर अवैध तरीकों से बिना परमिट और फिटनेस के ही ट्रैक्टर-ट्रालियां दौड़ रही हैं। जिन ट्रैक्टर व ट्रालियों को खेतीबाड़ी के लिए सब्सिडी पर किसान खरीदता है, उनका अधिकतर दुरुपयोग हो रहा है। इनमें गैर कानूनी रूप से और नियमों को ताक पर रखकर रेत, बजरी, पत्थर व ईंट ढोने में काम किया जा रहा है। ऐसे में ईंटों से भरी ट्राली अन्य वाहन चालकों के लिए मुसीबत बन रही है।
जुर्माने का है प्रावधान
ट्रैक्टर ट्राली चालक भवन सामग्री को बिना ढके सड़कों से अपने गंतव्य तक पहुंचा रहे हैं। वहीं कई बार सड़क पर ब्रेकर या गड्ढा आ जाने पर ट्राली में रखी हुई र्इंट उछल कर आसपास चल रहे अन्य वाहन चालक चोटिल होने का खतरा रहता है। बिना ढके भवन सामग्री ले जाने पर कम से कम 11 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान है। लेकिन अभी तक एक भी ट्रैक्टर-ट्राली का चालान नहीं हुआ है।
ट्राली की नहीं होती है पासिंग
वाहन रजिस्ट्रेशन कराते समय आरटीए विभाग की ओर से केवल ट्रैक्टर की ही पासिग की जाती है। ट्रैक्टर की पासिग करते समय ट्राली की आवश्यकता नहीं रहती। इसलिए ट्राली की न तो पासिग होती है और न ही कोई रजिस्ट्रेशन। जिसके कारण पासिग कराते समय लगने वाली रिफ्लेक्टर पट्टी भी ट्राली की नहीं लगती। बाद में इनके संचालक ट्राली पर रिफ्लेक्टर पट्टी लगवाना उचित नहीं समझते। जिसके कारण हादसों की संभावना ज्यादा रहती है।
वर्जन :
आरटीए की टीमें शहर के मुख्य मांगों पर नजर रखे हुए है। जो ओवरलोड वाहनों पर नकेल कस रही है। वहीं अगर बिना तिरपाल ढके हुए ट्रैक्टर-ट्राली शहर की सड़कों पर दिखाई देते है तो उन्हें जब्त कर चालान किए जाएंगे।
उर्मिल श्योकंद, सचिव, आरटीए, कुरुक्षेत्र।