एलएनजेपी अस्पताल में तीसरी आंख का पहरा
लोकनायक जयप्रकाश नागरिक अस्पताल की नई इमारत में चप्पे-चप्पे पर तीसरी आंख का पहरा होगा। इस बहुमंजिला इमारत में निगरानी के लिए 64 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इनका कंट्रोल चिकित्सा अधीक्षक कार्यालय में बनाया गया है। इन सीसीटीवी कैमरों से जहां अपनी सीट छोड़कर यहां वहां तफरी मारने वाले स्टाफ पर नजर रखी जा सकेगी वहीं अस्पताल परिसर में किसी घटना को अंजाम देने वाले असामाजिक तत्वों की भी पहचान की हो सकेगी। खासकर अस्पताल में आने वाले झगड़ालू किस्म के लोगों की गतिविधियों पर नकेल कंसने में यह काफी मददगार साबित होंगे।
विनीश गौड़, कुरुक्षेत्र : लोकनायक जयप्रकाश नागरिक अस्पताल की नई इमारत में चप्पे-चप्पे पर तीसरी आंख का पहरा होगा। इस बहुमंजिला इमारत में निगरानी के लिए 64 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इनका कंट्रोल चिकित्सा अधीक्षक कार्यालय में बनाया गया है। इन सीसीटीवी कैमरों से जहां अपनी सीट छोड़कर यहां वहां तफरी मारने वाले स्टाफ पर नजर रखी जा सकेगी, वहीं अस्पताल परिसर में किसी घटना को अंजाम देने वाले असामाजिक तत्वों की भी पहचान की हो सकेगी। खासकर अस्पताल में आने वाले झगड़ालू किस्म के लोगों की गतिविधियों पर नकेल कंसने में यह काफी मददगार साबित होंगे। गौरतलब है कि एलएनजेपी अस्पताल परिसर में पहले कई बार लोग चिकित्सक व स्टाफ पर हमला करने से लेकर झगड़ा करने घटनाएं हो चुकी हैं। ऐसी घटनाओं की रोकथाम पर भी नकेल कसने के लिए अस्पताल परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इन पर भी होगी नजर
एलएनजेपी अस्पताल की नई इमारत की ओपीडी में कैमरे लगाए गए हैं। इसके अलावा अस्पताल की सीढि़यों, रैंप, मुख्य द्वार और आपातकालीन विभाग के मुख्य द्वार और वार्ड में भी कैमरे हैं जिससे अस्पताल में आने जाने वाले हर व्यक्ति के चेहरे साफ दिखाई देते हैं। जरूरत पड़ने पर इन कैमरों में आसामाजिक तत्वों की पहचान की जा सकेगी। इन सीसीटीवी कैमरों के कारण जहां असामाजिक तत्व कोई भी गतिविधि करने से डरेंगे वहीं दूसरी ओर इसकी वजह से उन स्टाफ के सदस्यों की चिताएं भी बढ़ गई हैं जो अपनी सीट पर कम और यहां वहां ज्यादा दिखाई देते थे। मरीज व स्टाफ की सुरक्षा के मद्देनजर लगाए गए सीसीटीवी कैमरे : डा. शैलेंद्र
एलएनजेपी अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. शैलेंद्र ममगाईं शैली ने बताया कि सुरक्षा के मद्देनजर सीसीटीवी कैमरे अस्पताल के चप्पे-चप्पे पर लगाए गए हैं, ताकि असामाजिक तत्वों की पहचान की जा सके। इसमें मरीज और अस्पताल स्टाफ दोनों की ही सुरक्षा है। प्रदेश में पहले कई जगह स्टाफ से हो चुकी लड़ाई झगड़े की गतिविधियों को देखते हुए यह बहुत जरूरी था। इसलिए 64 अलग-अलग जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।