बारिश में ढही बुजुर्ग महिला के घर की छत, प्रशासन से लगाई मदद की गुहार
भगवान की मार कब किस पर कब पड़ जाए कुछ पता नहीं लेकिन एक बुजुर्ग महिला के घर की छत गिरने से उसका सहारा नहीं रहा।
संवाद सहयोगी, लाडवा : भगवान की मार कब किस पर कब पड़ जाए कुछ पता नहीं, लेकिन एक बुजुर्ग महिला पर भगवान की मार इतनी पड़ी है, जिसकी कहानी सुनकर हर आंख से आंसू निकल पड़ेंगे। लाडवा खंड के गांव बडौंदा की विधवा महिला कमलेश पर भगवान की इतनी मार पड़ी है कि जिसको सहना हर किसी के बस की बात नहीं। पिछले दिनों बारिश में उसके मकान की छत ढह गई। बुजुर्ग अपने सात वर्षीय पोते के साथ रहती है। बुजुर्ग के पति, बेटे व पुत्रवधू की पहले ही मौत हो चुकी है। मकान की छत गिरने से मकान में रखे अनाज सहित अन्य सामान भी खराब हो गया।
बुजुर्ग कमलेश देवी ने बताया कि करीब सात साल पहले उसके पति की कैंसर बीमारी के चलते मृत्यु हो गई थी। वह अभी अपने पति के दुख को भुला भी नहीं पाई थी कि उसके बेटे व बेटे के बाद उसकी पुत्रवधू की मौत हो गई। उनकी मौत से वह पूरी तरह से टूट चुकी थी, जीने की इच्छा खत्म हो गई थी, लेकिन उसके एक छोटा सा पोता था, जिसने उसको जीने का मकसद दिया और उसके सहारे वह जी रही है, लेकिन भगवान की मार यहां भी नहीं रुकी। मकान की छत गिरने से मकान में रखी गेहूं, चावल, पंखा व घर का अन्य सामान दबकर खराब हो गया। महिला ने सरकार व प्रशासन से गुहार लगाते हुए उसे मकान बनाने के लिए ग्रांट की मांग की है। आर्थिक सहायता की आस लेकर अब महिला ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है।