बारिश ने किसानों के सपनों पर फेरा पानी, मंडी में आई धान भीगी

लाडवा क्षेत्र में बारिश ने किसानों के सपनों पर पानी फेर दिया। बुधवार को लाडवा क्षेत्र में सुबह नौ बजे से शुरू हुई बारिश दोपहर तक भी बंद नहीं हुई। बारिश की वजह से जहां धान कटाई का कार्य रुक गया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 10:09 PM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 10:09 PM (IST)
बारिश ने किसानों के सपनों पर फेरा पानी, मंडी में आई धान भीगी
बारिश ने किसानों के सपनों पर फेरा पानी, मंडी में आई धान भीगी

फोटो संख्या : 17

संवाद सहयोगी, लाडवा : लाडवा क्षेत्र में बारिश ने किसानों के सपनों पर पानी फेर दिया। बुधवार को लाडवा क्षेत्र में सुबह नौ बजे से शुरू हुई बारिश दोपहर तक भी बंद नहीं हुई। बारिश की वजह से जहां धान कटाई का कार्य रुक गया। वहीं अनाज मंडी में बिकने के लिए आई किसानों की धान भी भीग गई। धान को भीगने से बचाने के लिए ढेरियों को तिरपाल से तो ढका गया, लेकिन लगातार कई घंटे चली बूंदाबांदी से किसानों की धान फिर भी गीली होने से बच नहीं पाई। क्षेत्र में पिछले करीब एक माह से धान की आवक मंडी में जारी है।

बेमौसमी बारिश का खरीदार भी खूब फायदा उठाते हैं और यह किसानों की धान को औने-पौने दामों में खरीदते हैं। बदलते मौसम के चलते किसानों को इन खरीदारों के सामने मजबूरी वश अपनी धान को कम दामों में बेचने के विवश होना पड़ा। मंडी में धान लेकर आए किसानों ने सरकार से मांग कर बारिश से हो रहे फसलों में नुकसान की भरपाई के लिए धान की फसल पर बोनस देने की मांग भी की। यदि बारिश इसी प्रकार जारी रही तो किसानों को धान में प्रति एकड़ आठ से 10 हजार रुपये तक का नुकसान उठाना पड़ सकता है। मार्केट कमेटी सचिव अखिलेश शर्मा कहा कि मंडी के सभी आढ़तियों को बारिश से निपटने के लिए पूरी व्यवस्था रखने के आदेश दिए गए हैं। मंडी में खुले आसमान के नीचे पड़ी धान को तिरपालों से ढकवाया गया है। मंडी में अब तक करीब 80 हजार क्विंटल धान आ चुका है, जिसमें से करीब 60 हजार क्विंटल बारीक 1509 है और 20 हजार क्विंटल मोटा धान है। उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि वह मोटी धान सरकारी खरीद शुरू होने के बाद ही मंडी में लेकर आए।

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