बूढ़ा गांव में इकलौते बेटे ने फंदा लगाकर दी जान
क्षेत्रवासी गांव बनी के एक छात्र के अपने घर में आत्महत्या के मामले को भूले भी नहीं थे कि बुधवार को गांव बूढ़ा में इकलौते लड़के ने घर में ही फंदा लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। बताया जा रहा है कि वह लाडवा-हिनौरी मार्ग पर स्थित एक निजी स्कूल की 10वीं कक्षा में पढ़ता था। उसके माता-पिता गत वर्ष से इंग्लैंड में रह रहे थे। वह गांव में अपने दादा के पास रहता था। थाना लाडवा पुलिस ने मामले में कार्रवाई शुरू कर दी है।
संवाद सहयोगी, लाडवा : क्षेत्रवासी गांव बनी के एक छात्र के अपने घर में आत्महत्या के मामले को भूले भी नहीं थे कि बुधवार को गांव बूढ़ा में इकलौते लड़के ने घर में मानसिक परेशानी के कारण फंदा लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। बताया जा रहा है कि वह लाडवा-हिनौरी मार्ग पर स्थित एक निजी स्कूल में 10वीं कक्षा में पढ़ता था। उसके माता-पिता गत वर्ष से इंग्लैंड में रह रहे थे। वह गांव में अपने दादा के पास रहता था। थाना लाडवा पुलिस ने मामले में कार्रवाई शुरू कर दी है।
घटना मंगलवार रात की है। परिजनों को बुधवार सुबह इसकी जानकारी मिली। थाना लाडवा पुलिस सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची और उसको फंदे से नीचे उतारा।
मृतक छात्र के दादा रतन सिंह ने पुलिस को बताया कि उसका लड़का अमित कुमार व उसकी पत्नी अप्रैल 2019 में इग्लैंड चले गए थे। उनका बेटा वंश मेरे पास रहता था। उसने इस साल नौवीं कक्षा पास की थी। उसका पौता वंश मंगलवार रात करीब साढ़े 8 बजे खाना खाकर अपने कमरे में सोने के लिए चला गया था। वह बुधवार सुबह उठकर खेतों में चला गया। सुबह करीब छह बजे वापस आया तो उसने वंश को उठाने के लिए उसके कमरे का दरवाजा खटखटाया तो कोई जवाब नहीं आया। खिड़की से देखा तो वंश रस्सी के फंदे से पंखे पर लटका हुआ है।
चार दिन में दूसरी आत्महत्या
ग्रामीण क्षेत्र में चार दिन में दो छात्रों ने आत्महत्या कर ली है। इससे क्षेत्र के लोगों में चिता पैदा हो गई है। दोनों ही छात्र अपने माता-पिता के इकलौते बेटे थे। लॉकडाउन से लेकर अब तक लाडवा में तीन छात्रों व एक युवक आत्महत्या कर चुका है।