बूंदाबांदी ने बढ़ाई किसानों की बेचैनी, फसल में नुकसान की आशंका

धर्मनगरी में वीरवार की दोपहर बाद हल्की बूंदाबांदी शुरू होने से किसानों की बेचैनी बढ़ा दी। इन दिनों में बूंदाबांदी से किसानों को खेतों में तैयार खड़ी धान की अगेती फसल को नुकसान होने का डर सताने लगा है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 16 Sep 2021 11:54 PM (IST) Updated:Thu, 16 Sep 2021 11:54 PM (IST)
बूंदाबांदी ने बढ़ाई किसानों की बेचैनी, फसल में नुकसान की आशंका
बूंदाबांदी ने बढ़ाई किसानों की बेचैनी, फसल में नुकसान की आशंका

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : धर्मनगरी में वीरवार की दोपहर बाद हल्की बूंदाबांदी शुरू होने से किसानों की बेचैनी बढ़ा दी। इन दिनों में बूंदाबांदी से किसानों को खेतों में तैयार खड़ी धान की अगेती फसल को नुकसान होने का डर सताने लगा है। इसके बाद जिला भर में तेज हवाओं के साथ बाबैन और लाडवा में करीब 15 मिनट बूंदाबांदी हुई। इस बूंदाबांदी से शाम का मौसम खुशगवार हो गया।

गौरतलब है कि इन दिनों में अगेती किस्म की धान पकने लगी है। पिछले करीब सप्ताह भर से जिला भर की अनाज मंडियों में धान पहुंचने भी लगी है। इन दिनों में होने वाले बारिश से पककर तैयार खड़ी धान की फसल को नुकसान हो सकता है। मौसम विशेषज्ञों ने पहले ही कहीं-कहीं हल्की बूंदाबांदी का अनुमान जता रखा है। ऐसे में वीरवार को अधिकतम तापमान 32 डिग्री और न्यूनतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस रहा है। हल्की बूंदाबांदी के चलते शाम को हवा में नमी का स्तर 90 फीसद और हवा की गति छह किलोमीटर प्रति घंटा रही।

कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ संयोजक डा. प्रद्युम्मन भटनागर ने कहा कि अगले कई दिनों तक मौसम का मिजाज इसी तरह का रहेगा। आसमान में बादलों के साथ कहीं-कहीं हल्की बूंदाबांदी हो सकती है। उन्होंने किसानों को पककर तैयार खड़ी फसल को सही समय पर कटाई कर तुरंत खेत से बाहर निकल किसी सुरक्षित स्थान या अनाज मंडी में शैड के नीचे रखने की सलाह दी है।

अनाज मंडी में किसानों को हुई परेशानी

संवाद सहयोगी, लाडवा : वीरवार दोपहर बाद अचानक आई तेज बूंदाबांदी में लाडवा अनाज मंडी में किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

मंडी में धान की सरकारी खरीद शुरू न होने के कारण किसान अपनी धान को सूखाने के लिए मंडी में लाते है और फड़ पर फैला देते हैं। वीरवार को बूंदाबांदी के चलते सूखाने के लिए डाला धान भीग गया। यहां करीब 15 मिनट तेज बूंदाबांदी चली। किसानों की माने तो हर रोज लाडवा अनाज मंडी हजारों क्विंटल धान पहुंच रही थी। खेतों में भी इस समय किसानों की धान पककर तो कुछ अध पक्की तैयार खड़ी है।

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