अंग्रेजों ने षडयंत्र कर भारतीय संस्कृति के पतन का किया प्रयास : सिन्हा

विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान के शोध निदेशक डा. हिम्मत सिंह सिन्हा ने कहा कि अंग्रेजों ने षड़यंत्र कर भारतीय संस्कृति के पतन का प्रयास करने के लिए युवाओं को विलासता की ओर धकेला।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 02 Dec 2021 06:47 PM (IST) Updated:Thu, 02 Dec 2021 11:40 PM (IST)
अंग्रेजों ने षडयंत्र कर भारतीय संस्कृति के पतन का किया प्रयास : सिन्हा
अंग्रेजों ने षडयंत्र कर भारतीय संस्कृति के पतन का किया प्रयास : सिन्हा

- राष्ट्र निर्माण का कार्य कर रही विद्या भारती जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान के शोध निदेशक डा. हिम्मत सिंह सिन्हा ने कहा कि अंग्रेजों ने षड़यंत्र कर भारतीय संस्कृति के पतन का प्रयास करने के लिए युवाओं को विलासता की ओर धकेला। भारतीय संस्कृति कभी न मिटने वाली संस्कृति है। संस्कृति बोध परियोजना राष्ट्र को जगाने वाली है।

उन्होंने ये बात वीरवार को विद्या भारतीय संस्कृति शिक्षा संस्थान में आयोजित अभिनंदन समारोह में कही। उन्होंने श्रीमद्भगवत गीता

के उपदेशों और स्वामी विवेकानंद के विचारों को सबके समक्ष रखा और कहा कि गीता उनके लिए है जिनकी भुजाओं में बल है जो गांडीव उठाकर सारे समाज के परिदृश्य को बदल सकते हैं। हमारी संस्कृति कहती है कि कभी भी स्वयं में हीन भावना न रखो। हमारी संस्कृति में सदैव अदम्य साहस दिखाया है। गीता को अंगीकार करोगे तो पता लगेगा कि संसार में तुम्हें कोई पराजित नहीं कर सकता। पराजय उसी की होती है जिसमें स्वयं के प्रति हीन भावना आ जाती है। गीता के इस रूप को विद्या भारती साकार कर रही है। विद्या भारती का कार्य राष्ट्र निर्माण का है। संस्थान के निदेशक डा. रामेंद्र सिंह ने उन्हें शाल और पुष्प गुच्छ भेंट कर उनका अभिनंदन किया।

उन्होंने कहा कि डा. सिन्हा का दर्शन शास्त्र के जगत में बड़ा नाम है। भारतीय दर्शन, भारतीय चितन और भारत की गौरवशाली संस्कृति के प्रेरणा पुरुष के रूप में अनेक वर्षों से विद्या भारती का मार्गदर्शन प्राप्त होता रहा है। इस मौके पर उनके साथ संस्थान के सदस्य डा. आर ऋषि मौजूद रहे।

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