संगीत में साधना करने से मिलती है सफलता : सचदेवा
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि संगीत में साधना करने से ही सफलता मिलती है। ऐसे में साधना के क्रम को अनवरत जारी रखना पड़ता है। संसार का कोई भी व्यक्ति इस कला से अछूता नही है।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि संगीत में साधना करने से ही सफलता मिलती है। ऐसे में साधना के क्रम को अनवरत जारी रखना पड़ता है। संसार का कोई भी व्यक्ति इस कला से अछूता नही है। वह वीरवार को कुवि के संगीत एवं नृत्य विभाग में व्यवसायिक कलाकारों व संगीत के शिक्षकों और विद्यार्थियों के लिए शुरू की गई आनलाइन कौशल विकास कार्यशाला में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि ज्ञान मंथन के इस पवित्र कार्य से ज्ञान की नई दिशाएं खुलेंगी। कार्यशाला का शुभारंभ विवि के कुलगीत से किया गया । कार्यशाला में गायन विषय के लिए पंजाबी विवि के प्रो. यशपाल शर्मा, सितार वादन विषय के लिए पंडित हरविदर शर्मा, तबला विषय के लिए केंद्रीय विवि से डा. हरि सिंह गौर, तबला के विशेषज्ञ डा. राहुल स्वर्णकार, कत्थक नृत्य के लिए विख्यात कत्थक कलाकार व गुरु डा. शुभ्रा तथा साउंड रिकार्डिग की तकनीकों को सिखाने के लिए डा. रवि रवि गौतम प्रशिक्षण देंगे। कार्यक्रम में संगीत एवं नृत्य की विभागाध्यक्ष प्रो. शुचिस्मिता ने बताया कि संगीत एवं नृत्य विभाग समय-समय पर इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन करवाता रहता है। इस मौके पर विभाग शिक्षिका डा. आरती श्योकंद, डा. यशपाल शर्मा, तकनीकी संचालन डा. हरविदर सिंह लोंगोवाल व डा. अशोक शर्मा मौजूद रहे।
पौधारोपण के लिए गांवों में चलाई जाएगी मुहिम : गुरुदेव मेहरा
संवाद सूत्र, बाबैन : प्राकृतिक साधनों के अंधाधुंध दोहन और प्रकृति के साथ खिलवाड़ का ही नतीजा है कि पर्यावरणीय संतुलन बिगड़ने के कारण मनुष्य के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। जीव जंतुओं की अनेक प्रजातियां विलुप्त हो रही हैं। प्रकृति का संतुलन बनाए रखने के लिए जल, जंगल, वन्य जीव और वनस्पति इन सभी का संरक्षण अति आवश्यक है। यह बात सरस्वती विकास बोर्ड सदस्य गुरुदेव मेहरा ने बाबैन खंड के गांव भैणी में सरस्वती घाट पर पौधारोपण की शुरुआत करने के दौरान ग्रामीणों से कहे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार पर्यावरण को हरा-भरा करने के लिए अनेक योजनाएं चला रही, ताकि प्रदेश को हरा-भरा किया जा सके और इसके तहत कुरुक्षेत्र में 11.50 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य है। वहीं प्रदेश सरकार ने पर्यावरण संरक्षण के लिए प्राण वायु देवता पेंशन योजना की भी शुरुआत की है। इस योजना के तहत 75 साल से अधिक आयु के पेड़ के रखरखाव के लिए 2500 रुपये प्रति पेड़ प्रतिवर्ष पेंशन का प्रावधान किया है। इस पेंशन में हर साल बढ़ोतरी भी होगी। उन्होंने कहा कि हम सभी का प्रथम कर्तव्य बनता है कि ज्यादा से ज्यादा पौधारोपण किया जाए और जनता को भी इसके लिए जागरूक करने का काम करेंगे। इस मौके पर चंद्र भान बहलोलपुर, ज्ञान सिंह भैणी, नीतू बांगर, जागीर सिंह व सतीश कुमार मौजूद रहे।