कोरोना टेस्ट करने गई स्वास्थ्य विभाग की टीम पर पथराव, कर्मचारियों ने भाग कर बचाई जान

कुरुक्षेत्र। कोरोना काल में अपनी जान को जोखिम में डालकर दिन रात मरीजों व उनके परिजनों की सेवा में कार्यरत चिकित्सक और स्टाफ के साथ अभद्रता व उनके ऊपर होने वाले हमले की घटनाएं बंद होने का नाम नहीं ले रही।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 27 Sep 2020 06:26 AM (IST) Updated:Sun, 27 Sep 2020 06:26 AM (IST)
कोरोना टेस्ट करने गई स्वास्थ्य विभाग की टीम पर पथराव, कर्मचारियों ने भाग कर बचाई जान
कोरोना टेस्ट करने गई स्वास्थ्य विभाग की टीम पर पथराव, कर्मचारियों ने भाग कर बचाई जान

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : कोरोना काल में अपनी जान को जोखिम में डालकर दिन रात मरीजों व उनके परिजनों की सेवा में कार्यरत चिकित्सक और स्टाफ के साथ अभद्रता व उनके ऊपर होने वाले हमले की घटनाएं बंद होने का नाम नहीं ले रही। शनिवार को गांव ज्योतिसर में कोरोना पॉजिटिव मरीज की मौत होने के बाद उसके स्वजनों के सैंपल घर लेने पहुंची विभाग की टीम पर पथराव हो गया। इस पथराव में विभाग की टीम ने वहां से भागकर अपनी जान बचाई। मगर हमले में एक महिला कर्मचारी घायल हो गई, जबकि एंबुलेंस का शीशा, हेडलाइट पत्थर लगने से टूट गई। स्वास्थ्य विभाग ने इसकी शिकायत ज्योतिसर चौकी में दी। जहां पुलिस ने पांच को नामजद करते हुए कई कालोनी निवासियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।

दरअसल गांव ज्योतिसर में एक व्यक्ति 23 सितंबर को कोरोना पॉजिटिव मिला था। उसकी हालत को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने एलएनजेपी अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में दाखिल कर लिया था। शाम को जब उसकी हालत ज्यादा बिगड़ी तो चिकित्सक ने मरीज को डेडिकेटिड कोविड-19 अस्पताल मुलाना मेडिकल कॉलेज में रेफर कर दिया था। यहां रात को ही उसकी मौत हो गई। मरीज का 24 सितंबर को संस्कार कर दिया गया और उसके स्वजनों को एलएनजेपी अस्पताल में आकर कोरोना टेस्ट कराने की सलाह दी गई। शोक के चलते परिवार के सदस्यों ने एक-दो दिन के बाद सैंपल कराने की बात कह दी, मगर जब स्वास्थ्य कर्मचारी कोरोना टेस्ट कराने का परामर्श देने के लिए घर पहुंची तो उसे भी टेस्ट न कराने की कहकर वापस भेज दिया। मामला स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों तक पहुंचा। चिकित्सा अधिकारी डा. संजीव की सलाह पर परिवार टेस्ट कराने को तैयार हो गया। पूरा मामला, कर्मचारियों की जुबानी

स्वास्थ्य विभाग की तरफ से मोबाइल टीम को मुंडाखेड़ा कोरोना के सैंपल लेने के लिए जाना था। अधिकारियों ने जाते हुए ज्योतिसर में भी एक परिवार के सैंपल लेने के आदेश दिए। टीम में एंबुलेंस चालक शिव कुमार, प्रयोगशाला तकनीशियन पूनम और शिवानी, सहायक सुधा और अरविद थे। उन्होंने बताया कि मोबाइल टीम उस परिवार के घर से कुछ ही दूरी पर रुक गई और एंबुलेंस में से एक महिला कर्मचारी परिवार के सदस्यों को बुलाने के लिए चली गई। टीम के सदस्य ने बताया कि जैसे ही वह कर्मचारी घर में गई और टेस्ट लेने आई टीम के बारे में बताया तो वहां बैठे लोग भड़क गए। उसे गालियां निकालनी शुरू कर दी और वहां से चले जाने के लिए कहा। वह एंबलुेंस तक पहुंचे थे कि 25 से 30 लोग डंडे-बिडों के साथ निकले और वहां रखी ईंटों को भी उठाकर एंबुलेंस की तरफ फेंकना शुरू कर दिया। कुछ लोगों ने चालक की खिड़की खोलने का प्रयास किया तो एंबुलेंस चालक ने अंदर से लॉक कर लिया। दूसरी तरफ सहायक कर्मी सुधा बैठी थी। लोगों ने उसे सीट से उतारा और उसके साथ धक्का-मुक्की की। इस दौरान उसके हाथ में चोट आ गई। इसके बाद लोगों ने एंबुलेंस में पीछे बने कैबिन को भी खोला और यहां बैठे कर्मचारियों के साथ भी हाथापाई की। यह देख एंबुलेंस चालक ने एंबुलेंस को बैक गियर लगाकर वापस भगा लिया। विभाग ने पांच और कई अन्य कालोनीवासियों की शिकायत की है। जांच अधिकारी एएसआइ जसविद्र सिंह ने बताया कि परिवार के पांच सदस्यों समेत अन्य कालोनीवासियों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग की तरफ से मारपीट करने, ड्यूटी में बाधा डालने और महिला कर्मचारियों के साथ अभद्रता करने की शिकायत आई थी। आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी गई है।

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