सीता का हरण कर ले गया रावण
स्थाण्वीश्वर महादेव मंदिर मार्ग स्थित नेताजी सुभाष पार्क में रविवार रात्रि जयश्री शारदा रामलीला ड्रामाटिक क्लब द्वारा रावण के दरबार में शूर्पनखा की गुहार रावण-मारीच संवाद सीता हरण और जटायु वध प्रसंगों के ²श्य दिखाए गए।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : स्थाण्वीश्वर महादेव मंदिर मार्ग स्थित नेताजी सुभाष पार्क में रविवार रात्रि जयश्री शारदा रामलीला ड्रामाटिक क्लब द्वारा रावण के दरबार में शूर्पनखा की गुहार, रावण-मारीच संवाद, सीता हरण और जटायु वध प्रसंगों के ²श्य दिखाए गए। इस अवसर पर व्यवसायी योगेश मित्तल, डा. पंकज गर्ग व नरेंद्र खुराना ने बतौर मुख्यातिथि मां शारदा की आरती में भाग लिया। प्रधान सतीश शर्मा व अन्य सदस्यों ने सभी अतिथियों का स्वागत करके स्मृति चिह्न प्रदान किया।
महासचिव नरेश चौधरी ने बताया कि मंच पर रावण का दरबार दिखाया जाता है। इसी दौरान शूर्पनखा वहां पहुंच कर उसकी नाक कटने से लेकर खर दूषण वध तक का वृतांत सुनाती है। बहन के अपमान का बदला लेने के लिए रावण मारीच के पास जाता है। पहले तो मारीच सीता हरण में रावण का साथ देने से मना करता है, लेकिन रावण के धमकाने और श्रीराम के हाथों मुक्ति पाने के उद्देश्य से वह मान जाता है। पंचवटी कुटिया के समीप मारीच स्वर्ण मृग बनकर विचरण करता है और श्रीराम के हाथों मारा जाता है। मरते-मरते वह राम की बनावटी आवाज में हाय लक्ष्मण-हाय सीता चिल्लाता है। राम की बनावटी आवाज को सुनकर सीता और लक्ष्मण चितित हो जाते हैं। सीता लक्ष्मण को राम की सहायता के लिए जाने को कहती है लेकिन लक्ष्मण राम की आज्ञा के कारण कुटिया को छोड़कर नहीं जाने की बात कहते हैं। सीता द्वारा खरी खोटी सुनाने के पश्चात वह एक अदृश्य सुरक्षा रेखा खींचते हैं और सीता से वह उस रेखा के बाहर ना जाने की सलाह देते हैं।
साधु की वेश में आया रावण
उधर, रावण साधु के वेश में कुटिया के बाहर भिक्षा लेने आता है और अवसर पाकर सीता का हरण कर लेता है। रामलीला के कलाकारों में सुमित गर्ग ने राम, शिव भटनागर ने लक्ष्मण, प्रिस ने सीता, पूर्ण चंद मटकू ने शूर्पनखा, महिपाल धीमान ने जटायु, संजीव कौशिक ने रावण, मुकेश सिसौदिया ने अनोखा साधु, चीनी भाई ने मारीच, मुकुल गर्ग ने विभिषण, राहुल सिगला ने मेघनाद और लव सैनी ने स्वर्ण मृग का रोल प्ले किया।
ये रहे मौजूद
इस मौके पर उपप्रधान सोहन लाल काकयान, महाप्रबंधक संजीव पांडे, सुधीर कुमार चुघ, महासचिव नरेश चौधरी, सचिव यशपाल सैनी, निदेशक दर्शन लाल सैनी, भूषण कुमार गुप्ता, करनैल सिंह, बालकृष्ण रोहिला, सोमनाथ सैनी, पदम धीमान, अरविद मोहन शर्मा, गुरमीत खालसा व राकेश मौजूद रहे।