डेरा मुखी की तुलना गुरु गोबिद सिंह से करने को लेकर निशान सिंह पर भड़की सिख जत्थेबंदियां

भिडर ने कहा कि कोर्ट द्वारा रेप के आरोप में सजायाफ्ता एक कैदी की तुलना गुरु गोबिद सिंह जैसे सर्ववंश बलिदानी से करना पूरे विश्व में बसे सिखों की भावनाओं को आहत करना है। नौ साल की आयु में गुरु गोबिद सिंह ने अपने पिता गुरु तेग बहादुर साहिब को धर्म की रक्षा के बलिदान देने के लिए भेजा था और उसके बाद अपने चार साहिबजादों को भी भारत भूमि की रक्षा के लिए वार दिया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 26 Apr 2019 07:15 AM (IST) Updated:Fri, 26 Apr 2019 07:15 AM (IST)
डेरा मुखी की तुलना गुरु गोबिद सिंह से करने को लेकर निशान सिंह पर भड़की सिख जत्थेबंदियां
डेरा मुखी की तुलना गुरु गोबिद सिंह से करने को लेकर निशान सिंह पर भड़की सिख जत्थेबंदियां

संवाद सहयोगी, पिहोवा, कुरुक्षेत्र : जननायक जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष निशान सिंह द्वारा डेरा मुखी राम रहीम की तुलना गुरु गोबिद सिंह से किए जाने को लेकर सिख जत्थेबंदियों ने मोर्चा खोल दिया है। गुरुवार को सिखों की एक बैठक कैथल रोड पर गुरुद्वारा छठी पातशाही के पूर्व प्रधान जगतार सिंह भिडर की अध्यक्षता में हुई। भिडर ने कहा कि कोर्ट द्वारा रेप के आरोप में सजायाफ्ता एक कैदी की तुलना गुरु गोबिद सिंह जैसे सर्ववंश बलिदानी से करना पूरे विश्व में बसे सिखों की भावनाओं को आहत करना है। नौ साल की आयु में गुरु गोबिद सिंह ने अपने पिता गुरु तेग बहादुर साहिब को धर्म की रक्षा के बलिदान देने के लिए भेजा था और उसके बाद अपने चार साहिबजादों को भी भारत भूमि की रक्षा के लिए वार दिया। अपराध के मामले में सजा काट रहे किसी सामान्य व्यक्ति से उनकी तुलना करना सरासर गलत है। केवल वोट के लालच में एक सच्चा सिख इस कदर तक नहीं गिर सकता। उन्होंने कहा कि यदि निशान सिंह ने सोमवार से पहले श्री अकाल तख्त अमृतसर में हाजिर होकर माफी नहीं मांगी तो उनके खिलाफ बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा और पुतले फूंककर सिख रोष जताएंगे। उन्होंने जजपा हाइकमान से मांग करते हुए कहा कि ऐसे व्यक्ति को प्रदेश प्रधान पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है। यदि जजपा के मन में सिखों को सम्मान है तो निशान सिंह को पद से तुरंत बर्खास्त करके बाहर का रास्ता दिखाना चाहिए। बैठक में स. वरयाम सिंह दमदमी टकसाल जत्था गुरुद्वारा गुरशरण साहिब, प्रीतम सिंह मल्ली महासचिव गुरुद्वारा सिंह सभा, परमजीत सिंह छज्जूपुर, जोगिद्र सिंह बेदी, वीरेंद्र सेठी, मुख्तयार सिंह, गुरशेर सिंह संधू, जगमोहन सिंह चट्ठा व कंवलजीत सिंह सहित कई सिख पदाधिकारी मौजूद रहे।

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