संघौर में श्रृंगी ऋषि की तपोभूमि

भारत ऋषि मुनियों की कर्मस्थली और तपोभूमि से विश्वविख्यात है। जिसके कारण यहां धर्म और कर्म में लोगों का विश्वास और आस्था है। इसी विश्वास और आस्था का एक पहलू बाबैन खंड के गांव संघौर। यह श्रृंगी ऋषि की तपोभूमि के नाम से जाता है। आबादी लगभग चार हजार और मतदाता 2500 के करीब है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 11:40 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 11:40 PM (IST)
संघौर में श्रृंगी ऋषि की तपोभूमि
संघौर में श्रृंगी ऋषि की तपोभूमि

रवि कुमार, बाबैन :

भारत ऋषि मुनियों की कर्मस्थली और तपोभूमि से विश्वविख्यात है। जिसके कारण यहां धर्म और कर्म में लोगों का विश्वास और आस्था है। इसी विश्वास और आस्था का एक पहलू बाबैन खंड के गांव संघौर। यह श्रृंगी ऋषि की तपोभूमि के नाम से जाता है। आबादी लगभग चार हजार और मतदाता 2500 के करीब है।

यहां महर्षि श्रृंगी ऋषि के बारे में चर्चा की जाए तो, उनके बारे में उल्लेख है कि वह रामायण में एक पात्र है। जिन्होंने राजा दशरथ के पुत्र प्राप्ति के लिए अश्वमेघ यज्ञ कराए थे। उनके बारे में यह भी उल्लेख है कि उनके माथे पर श्रृंग अर्थात सिंग जैसा उभार होने के कारण उनका नाम श्रृंगी ऋषि पड़ा। ग्रामीणों का कहना है कि श्रृंगी ऋषि ने गांव संघौर में बैठ कर तपस्या की थी। इसलिए इस गांव का नाम संघौर पड़ा और इसी तपस्या को लेकर मान्यता है कि उनकी समाधि जिसकी पूजा ग्रामीण नगर खेड़े के रूप में करते है। समाधि के एक ओर पादुका बनाई गई है, जिसकी ग्रामीण पूजा करते है। इसके पूर्व दिशा की ओर सरस्वती बहती है। जिसके बारे में कहा जाता है कि तपस्या के दौरान यह नदी श्रृंगी ऋषि के चरणों को स्पर्श करते हुए गुजरती थी।

अंग्रेजों के शासनकाल की इमारतें मौजूद : संजय

फोटो कोट्स : 06

ग्रामीण संजय संघौर ने बताया कि गांव में अंग्रेजों के शासनकाल के पहलुओं की निशानी भी है और जो विश्राम गृह अब खंडहर में तब्दील हो चुका है। पुरानी ईंटों से खड़ी इमारत अपने अतीत की झलक अपने आप बयां कर रही है। गांव में 12वीं कक्षा तक स्कूल खोलने की मांग अधूरी : बलिद्र

फोटो कोट्स : 07

ग्रामीण बलिद्र सिंह ने बताया कि गांव संघौर की आबादी चार हजार होने के बावजूद अभी तक यहां राजकीय माध्यमिक विद्यालय ही है। पंचायत की ओर से कई बार जिला शिक्षा अधिकारी व उच्चाधिकारियों को राजकीय माध्यमिक विद्यालय को अपग्रेड कर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बनाने के प्रस्ताव दे चुके है। लेकिन अभी तक उस प्रस्ताव का कुछ पता नहीं है। जिस कारण बच्चों को दूर-दराज स्कूलों पढ़ने के लिए जाना पड़ता है। गांव में सभी मूलभूत सुविधाएं मौजूद : कुसुम

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सरपंच कुसुम देवी ने बताया कि गांव में पशु अस्पताल, आंगनबाडी केंद्र, सामुदायिक केंद्र, ग्रामीण बैंक, सहकारिता बैंक, एचडीएफसी बैंक, बच्चों के लिए निजी स्कूल और सरकारी स्कूल के कारण गांव वासियों को मूलभूत सुविधाएं गांव में ही मिल रही है। गांव में बिना मतभेद से सभी समुदायों के लोग सार्वजनिक कार्य करवाए जा रहे है।

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