राम भारतीय संस्कृति के आदर्श : राजेंद्र पाराशर

पुराना बाईपास रोड स्थित एक निजी पैलेस में पितृ पक्ष के उपलक्ष्य में आयोजित श्रीराम कथा के चौथे दिन कथावाचक पंडित राजेन्द्र पाराशर ने माता पार्वती जन्म व शिव को पति रूप में पाने की कठोर तपस्या करना प्रसंग भजनों सहित सुनाए।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 25 Sep 2021 11:40 PM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 11:40 PM (IST)
राम भारतीय संस्कृति के आदर्श : राजेंद्र पाराशर
राम भारतीय संस्कृति के आदर्श : राजेंद्र पाराशर

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : पुराना बाईपास रोड स्थित एक निजी पैलेस में पितृ पक्ष के उपलक्ष्य में आयोजित श्रीराम कथा के चौथे दिन कथावाचक पंडित राजेन्द्र पाराशर ने माता पार्वती जन्म व शिव को पति रूप में पाने की कठोर तपस्या करना प्रसंग भजनों सहित सुनाए। इस अवसर पर समाजसेवी बलराम शर्मा ने बतौर मुख्यातिथि श्रीराम पूजन किया।

कथावाचक पंडित राजेन्द्र पाराशर ने अरोड़ा को श्रीरामचरितमानस स्वरुप भेंट किया। श्रीराम कथा में कथावाचक पंडित राजेन्द्र पाराशर ने श्रोताओं को बताया कि श्रीराम की प्रसिद्धि जितनी भगवान के रूप में है, उससे कहीं ज्यादा एक त्यागी और योगी पुरूष के रूप में है। एक राजा होते हुए भी पिता की आज्ञा का पालन करने के लिए उन्होंने 14 वर्ष तक योगी का जीवन बिताया। बाद में एक आदर्श राजा के रूप में वह पूरे विश्व में प्रसिद्ध हुए। इसलिए एक आदर्श स्वराज्य की व्याख्या और उसकी तुलना सत्ययुगीन रामराज्य से आज भी की जाती है। हम सिर्फ उन्हें देवता कह कर उनके विराट स्वरूप को सीमित नहीं कर सकते। राम भारतीय संस्कृति के आदर्श हैं क्योंकि वह अपने आचार-विचार और संस्कार के कारण सभी भक्तों के दिल में बसते है।

रामधुनी पर झूमे शहरवासी

इस मौके पर प्रसारित की गई रामधुनी श्रीरामचंद्र कृपालु भज मन हरण भव भय दारूणं..पर वातावरण राममय हो गया। गायकों द्वारा सुनाए गए भजन, मेरे राम, ऐसे है मेरे राम, हृदय भरा मन करे जिन्हें प्रणाम.पर श्रद्धालु भक्ति में लीन हो गए। श्रीराम कथा की आरती में राजकुमार शर्मा, बालकिशन शर्मा, डा. ओम प्रकाश शर्मा, डा. सुरेन्द्र शर्मा, रामस्वरुप शर्मा, सुनील पांचाल, किशन लाल, ज्ञानचंद शर्मा व हुक्म चंद बत्रा मौजूद रहे।

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