पराली और धान के अवशेष जलाने पर छह महीने की कैद और 15 हजार जुर्माने की सजा

शाहाबाद। पराली और धान के अवशेष जलाने को लेकर स्थानीय प्रशासन भी सख्त हो गया है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 26 Sep 2020 07:10 AM (IST) Updated:Sat, 26 Sep 2020 07:10 AM (IST)
पराली और धान के अवशेष जलाने पर छह महीने की कैद और 15 हजार जुर्माने की सजा
पराली और धान के अवशेष जलाने पर छह महीने की कैद और 15 हजार जुर्माने की सजा

संवाद सहयोगी, शाहाबाद : पराली और धान के अवशेष जलाने को लेकर स्थानीय प्रशासन भी सख्त हो गया है। एसडीएम ने ऐसे किसानों की लिस्ट बनाकर नजर रखने का फैसला लिया है। कृषि अधिकारियों के अलावा दूसरे अधिकारियों की ड्यूटी लगाई है।

इसके लिए एसडीएम डा. किरण सिंह ने शुक्रवार को अपने कार्यालय में अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने कहा कि किसानों को धान की कटाई के बाद अवशेष व पराली को आग न लगाने बारे जागरूक किया जाएं। उपमंडल के हर गांव में सरपंच के सहयोग से मुनादी कराई जाएगी। एसडीएम ने कहा कि धान के अवशेषों को आग लगाने से पर्यावरण प्रदूषित होता है।

पर्यावरण में पीएम 2.5 बढ़ता है

इसका नुकसान व्यक्ति को खुद उठाना पड़ता है। डाक्टरों के अनुसार वायु प्रदूषण से सांस व फेफड़ों से संबंधित बीमारी आती हैं। इसके साथ सामान्य स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि आग लगाने से प्रदूषण के छोटे-छोटे कणों से हवा में आने से पीएम 2.5 का स्तर बढ़ जाता है। इससे सिरदर्द और सांस लेने में तकलीफ होती हैं। अस्थमा और कैंसर जैसी बीमारियां भी हो सकती हैं। धान के अवशेष जलाने से मिट्टी की जैविक गुणवत्ता प्रभावित होती है।

फसल अवशेष जलाने पर हो सकती है जेल और जुर्माना एसडीएम किरण ने कहा कि हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इसको लेकर गंभीर है। किसानों को लगातार जागरूक किया जा रहा है। इसके बाद भी पराली और धान के अवशेष जलाए जाते हैं तो आरोपित के खिलाफ कानून कार्रवाई की जाएगी। उसको छह महीने की जेल और 15 हजार रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।

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