राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा में ऋषभ ने मारी बाजी
कुरुक्षेत्र गीता निकेतन आवासीय विद्यालय के छात्र ऋषभ कुमार ने राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा (एनटीएसई) के प्रथम चरण में 35वां स्थान हासिल कर विद्यालय को गौरवान्वित किया।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : गीता निकेतन आवासीय विद्यालय के छात्र ऋषभ कुमार ने राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा (एनटीएसई) के प्रथम चरण में 35वां स्थान हासिल कर विद्यालय को गौरवान्वित किया।
प्रिसिपल नारायण सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा (एनटीएसई) राष्ट्रीय स्तर की छात्रवृत्ति योजना है। इस परीक्षा के अंतर्गत विद्यार्थियों के बौद्धिक व शैक्षिक योग्यता का परीक्षण कर उन्हें आगामी प्रतियोगिताओं के लिए तैयार किया जाता है। उन्होंने बताया कि इस परीक्षा में प्रदेशभर के 200 विद्यालयों ने भाग लिया था। जिसमें ऋषभ कुमार ने 35वां स्थान प्राप्त किया। कोरोना महामारी के समय में जहां विद्यार्थी अपने घरों में बंद हैं, लेकिन ऋषभ ने अपने आत्म अध्ययन व मेहनत के बल पर सफलता को हासिल किया। प्रिसिपल नारायण सिंह व प्रबंध समिति के पदाधिकारियों ने छात्र ऋषभ को शुभकामनाएं देते हुए प्रेषित किया कि वो आगामी जीवन में भी इसी तरह मेहनत व दृढ़ निश्चय से काम करने के लिए प्रेरित किया।
सीजेएम ने बालआश्रम के बच्चों से आनलाइन की बात
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं सीजेएम दुष्यंत चौधरी ने कहा कि करोना वायरस से बचाव के लिए आम नागरिक के साथ-साथ बच्चों की सुरक्षा भी जरूरी है। इसलिए सभी आश्रमों संचालकों को आश्रम में रह रहे बच्चों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए प्रबंध करने होंगे। कोरोना काल के कठिन समय में आमजन के साथ-साथ बाल आश्रमों में रह रहे बच्चों को भी इस वायरस की चपेट में आने से बचाना बहुत जरुरी है।
उन्होंने ये बात बुधवार बाल आश्रम संचालकों की आनलाइन बैठक लेते हुए कही। उनके साथ विश्वास बाल आश्रम शाहबाद, बाल आश्रम लाडवा, उदयान केयर सेक्टर-7, चाइल्ड केयर संस्थान के बच्चों व संस्थान के संचालक जुड़े। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस का खतरा अभी टला नहीं है। ऐसे समय में आमजन के साथ-साथ बाल आश्रमों में रह रहे बच्चों को भी इस वायरस की चपेट में आने से बचाना बहुत जरूरी है। इसके लिए बाल आश्रमों, चिल्ड्रन होम में सैनिटाइजेशन, मास्क व दो गज शारीरिक दूरी जैसे सभी प्रबंधों को पुख्ता करना होगा। यहां बच्चों को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं आनी चाहिए। इनको नियमानुसार सभी प्रकार की सुविधाएं प्राप्त होनी चाहिए।