कोरोना की कम हुई रफ्तार ब्लैक फंगस ने चिता बढ़ाई

कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम हुई तो अब ब्लैक फंगस ने जिले में दस्तक दे दी है। जिले में ब्लैक फंगस का एक पाजिटिव मामला मिल चुका है जबकि दो संदिग्ध मरीज पाए जा चुके हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 07:15 AM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 07:15 AM (IST)
कोरोना की कम हुई रफ्तार ब्लैक फंगस ने चिता बढ़ाई
कोरोना की कम हुई रफ्तार ब्लैक फंगस ने चिता बढ़ाई

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र: कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम हुई तो अब ब्लैक फंगस ने जिले में दस्तक दे दी है। जिले में ब्लैक फंगस का एक पाजिटिव मामला मिल चुका है, जबकि दो संदिग्ध मरीज पाए जा चुके हैं। वहीं दूसरी ओर सरकार के ब्लैक फंगस को अधिसूचित बीमारी घोषित करने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक अगर किसी को आंख, कान के आसपास दर्द, लालिमा, सिरदर्द, सांस लेने में परेशानी, बुखार, खांसी एवं उल्टी में खून आए तो वे ब्लैक फंगस की जांच कराएं। इधर, जिले में रविवार को कोरोना के नौ ही नए मामले मिले हैं, जबकि 20 मरीजों को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

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जिले में रविवार को नौ नए कोरोना पाजिटिव मरीज मिले हैं, जबकि 20 मरीजों को ठीक होने पर अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि अब तक 21962 पाजिटिव केस सामने आ चुके हैं। इनमें से 21497 मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं और 349 कोरोना पाजिटिव मरीजों की मृत्यु हो चुकी है। जिले में कोरोना वायरस के 116 एक्टिव केस हैं। मधुमेह रोगी ब्लड ग्लूकोज का ध्यान रखें : सीएमओ

सीएमओ डा. संत लाल वर्मा ने कहा कि जिले में कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम पड़ गई है, लेकिन इस बीच अब ब्लैक फंगस बीमारी के मामले भी सामने आ रहे है, जोकि बेहद चिता का विषय है। प्रदेश सरकार ने ब्लैक फंगस को अधिसूचित बीमारी घोषित किया है। इस बीमारी के इलाज के लिए कोविड केयर सैंटर की तर्ज पर ब्लैग फंगस सैंटर अलग से बनाए गए हैं, ताकि बीमारी की गंभीर स्थिति में मरीजों को तुरंत स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि ब्लैक फंगस की बीमारी से बचाव के लिए धूल भरे निर्माण स्थलों पर जाते समय मास्क का प्रयोग करें, मिट्टी, काई या खाद का कार्य करते समय जूते, लंबी पतलून, लंबी बाजू की शर्ट एवं दस्ताने पहने, व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखें एवं प्रतिदिन अच्छे से स्नान करें। उन्होंने कहा कि कोविड से ठीक होने के बाद मधुमेह के रोगी ब्लड ग्लूकोज का ध्यान रखें, स्टेरोयड का इस्तेमाल चिकित्सक की सलाह पर व सही समय, सही खुराक और सही अवधि के साथ ही करें। आक्सीजन थैरेपी के लिए साफ और जीवाणु रहित जल का ही इस्तेमाल करें। एंटीबायोटिक और एंटीफंगल दवाओं का सोच समझ कर इस्तेमाल करें।

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