सीएम फ्लाइंग व एफएसओ वशिष्ठ कालोनी में पकड़ी अवैध रसगुल्ला फैक्ट्री

सीएम फ्लाइंग और खाद्य सुरक्षा विभाग की संयुक्त टीम ने शहर की वशिष्ठ कालोनी में अवैध फैक्ट्री पकड़ी।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Oct 2020 06:15 PM (IST) Updated:Tue, 27 Oct 2020 06:15 PM (IST)
सीएम फ्लाइंग व एफएसओ वशिष्ठ कालोनी में पकड़ी अवैध रसगुल्ला फैक्ट्री
सीएम फ्लाइंग व एफएसओ वशिष्ठ कालोनी में पकड़ी अवैध रसगुल्ला फैक्ट्री

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : सीएम फ्लाइंग और खाद्य सुरक्षा विभाग की संयुक्त टीम ने शहर की वशिष्ठ कालोनी में रसगुल्ले बनाने की अवैध फैक्ट्री पकड़ी है। यह विभाग की इस सीजन की चौथी फैक्ट्री में कार्रवाई है। अधिकारियों की माने तो यह अब तक की सबसे बड़ी अवैध रसगुल्ला फैक्ट्री है। यहां 11 टबों में 11 क्विंटल रसगुल्ले बरामद हुए हैं। टीम ने यहां से 11 अलग-अलग टबों से 10 सैंपल भरे हैं। जिन्हें जांच के लिए लैब में भेजा गया है। इस रेड में अनियमितता मिलने पर टीम ने 20 किलोग्राम चाश्नी और 20 किलोग्राम रसगुल्लों को नष्ट भी कराया गया। वहीं सैंपल का परिणाम आने तक रसगुल्लों को बेचने पर रोक लगा दी है।

टीम में सीएम फ्लाइंग से सब इंस्पेक्टर आशीष, प्रवेश डांगी और खाद्य सुरक्षा विभाग के इंस्पेक्टर डा. संदीप कादियान व उनकी टीम ने सोमवार शाम को वशिष्ठ कालोनी स्थित रसगुल्ला बनाने की एक फैक्ट्री में छापा मारा।

फैक्ट्री मालिक नहीं दिखा पाए पंजीकरण

खाद्य एवं औषधि सुरक्षा प्रशासन से जारी पंजीकरण पत्र फैक्ट्री मालिक से मांगा। लेकिन वह पंजीकरण पत्र नहीं दिखा पाया। वे कभी पंजीकरण के लिए आवेदन करने तो कभी फैक्ट्री के बंद करने की बात कहते रहे। टीम ने आनाकानी करने की बजाय जब स्पष्ट पंजीकरण पत्र देने को कहा तो वह पत्र दिखा नहीं पाए।

नीचे फैक्ट्री ऊपर मकान

यहां भी रसगुल्ला बनाने वाले मध्य प्रदेश के ही लोग मिले हैं। यहां नीचे फैक्ट्री बनाई हुई थी और इस फैक्ट्री में काम करने वाले कारीगर ऊपर रहते थे। करीब 10 से 11 कारीगर पहले तो फैक्ट्री में रसगुल्ला बनाते थे और फिर मोटरसाइकिल पर फेरी लगाकर इसे बेचते थे। एक व्यक्ति पांच-पांच किलो रसगुल्ले रखता था और दुकानों पर जाकर टेस्ट कराकर ऑर्डर लेता था।

यहां-यहां पकड़ी गई पहले अवैध फैक्ट्री

पहली फैक्ट्री बीड़ पिपली में पकड़ी थी। इसके बाद लाडवा और बाबैन में भी मध्य प्रदेश से आए कारीगर बिना किसी लाइसेंस के रसगुल्ला बनाते हुए पकड़े थे। यहां भी कारीगरों ने लाइसेंस नहीं ले रखा था।

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