श्रीराम कथा में गाये विवाह के मंगल गीत

पुराना बाई पास रोड स्थित एक निजी पैलेस में पितर पक्ष के उपलक्ष्य में आयोजित श्रीराम कथा के सातवें दिन कथावाचक पंडित राजेंद्र पाराशर ने श्रीराम विवाह प्रसंग भजनों सहित सुनाया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 10:08 PM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 10:08 PM (IST)
श्रीराम कथा में गाये विवाह के मंगल गीत
श्रीराम कथा में गाये विवाह के मंगल गीत

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : पुराना बाई पास रोड स्थित एक निजी पैलेस में पितर पक्ष के उपलक्ष्य में आयोजित श्रीराम कथा के सातवें दिन कथावाचक पंडित राजेंद्र पाराशर ने श्रीराम विवाह प्रसंग भजनों सहित सुनाया। कथा में थानेसर के विधायक विधायक सुभाष सुधा, लायंस क्लब के प्रधान अश्वनी अरोड़ा, सचिव डा. जेपी केसरी, कोषाध्यक्ष संदीप मरवाह, पार्षद नितिन भारद्वाज व भाजपा थानेसर मंडल महामंत्री जगतार वर्मा ने श्रीराम पूजन किया। व्यासपीठ से आशीर्वाद देते हुए कथावाचक पंडित राजेंद्र पाराशर ने सभी अतिथियों को श्रीरामचरितमानस स्वरुप भेंट किया। श्रीराम विवाह प्रसंग के अलावा परशुराम- लक्ष्मण संवाद, चारों भाइयों के फेरे और अयोध्या में विवाह का आनंद मंगल प्रसंग भी सुनाए गए।

कथावाचक राजेंद्र पाराशर ने कहा कि वनगमन करते समय ऋषि विश्वामित्र को राजा जनक की ओर से भेजी हुई कुमकुम पत्रिका मिलती है। विश्वामित्र राम-लक्ष्मण के साथ जनकपुरी में राजकुमारी सीता के स्वयंवर में पहुंचते है। राम सीता की प्रथम भेंट एक पुष्प-वाटिका में होती है, जहां सीता अपनी सखियों सहित गौरी पूजन के लिए पुष्प तोड़ती है। जैसे ही माता सीता श्री राम को देखती है तो अपनी दोनों आंखें बंद कर लेती है। सीता स्वयंवर में रखी गई शर्त के अनुसार सभी राजा शिव धनुष पर कोई भी राजा प्रत्यंचा नहीं चढ़ा पाया। जिससे राजा जनक चितित हो जाते है और आवेश में राजाओं के बल की कड़ी भ‌र्त्सना करते है। इस पर लक्ष्मण को क्रोध आता है और वो राजा जनक को खरी-खोटी सुनाते है। कथा में अश्वनी अरोड़ा ने सुनाए गए भजन मेरे शब्दों की सरलता है मेरे मन की लगन. पर श्रद्धालु झूम उठे। श्रीराम कथा की आरती में राजकुमार शर्मा, बालकिशन शर्मा, सुरेंद्र मलिक, दिनेश जिदल, संजय शर्मा भौर सैयदा, दया शर्मा व सीता देवी शामिल रहे।

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