राखी और पायल ने जिला स्तरीय विज्ञान कांग्रेस में पढ़ा शोध पत्र

जिला स्तरीय राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस कुरुक्षेत्र में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय हथीरा के बाल वैज्ञानिकों राखी शर्मा और पायल ने शोध पत्र प्रस्तुत किया। जीवविज्ञान के प्राध्यापक डॉ.तरसेम कौशिक द्वारा निर्देशित यह शोधपत्र हरियाणा के पारंपरिक ग्रामीण आ‌र्द्रभूमि जो प्रवासी पक्षियों के लिए स्वर्ग से कम नहीं-विलुप्त होने के कगार पर कारण व निदान विषय पर था। इसका चयन जींद में आयोजित होने वाले राज्य स्तरीय राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस कार्यक्रम के लिए हुआ।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Nov 2019 07:00 AM (IST) Updated:Wed, 20 Nov 2019 07:00 AM (IST)
राखी और पायल ने जिला स्तरीय विज्ञान कांग्रेस में पढ़ा शोध पत्र
राखी और पायल ने जिला स्तरीय विज्ञान कांग्रेस में पढ़ा शोध पत्र

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : जिला स्तरीय राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस कुरुक्षेत्र में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय हथीरा के बाल वैज्ञानिकों राखी शर्मा और पायल ने शोध पत्र प्रस्तुत किया। जीवविज्ञान के प्राध्यापक डॉ.तरसेम कौशिक द्वारा निर्देशित यह शोधपत्र हरियाणा के पारंपरिक ग्रामीण आ‌र्द्रभूमि जो प्रवासी पक्षियों के लिए स्वर्ग से कम नहीं-विलुप्त होने के कगार पर: कारण व निदान विषय पर था। इसका चयन जींद में आयोजित होने वाले राज्य स्तरीय राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस कार्यक्रम के लिए हुआ। विद्यालय की प्राचार्या संतोष शर्मा ने विद्याíथयों व विज्ञान प्राध्यापकों को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी। उन्होंने बच्चों से आह्वान किया कि राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस विद्याíथयों को अपने विचार प्रस्तुत करने के लिए एक मंच प्रदान करती है। शोधपत्र के रचनाकार डॉ.तरसेम कौशिक ने बताया कि प्रवासी पक्षियों के लिए ग्रामीण आंचल में स्थित प्राकृतिक आ‌र्द्रभूमियां स्वर्ग से कम नहीं हैं, क्योंकि ये प्राकृतिक तालाब प्रवासी पक्षियों को आवास और भोजन दोनों प्रदान करतें हैं। डॉ.कौशिक ने बताया कि इस शोधपत्र के माध्यम से विद्यार्थी एक तरफ तो ईश्वर के इन डाकियों के आहार विहार से परिचित होंगे और साथ ही वे अपने परितंत्र को भी भली-भांति समझ सकेंगे। उन्होनें विद्याíथयों से आह्वान किया कि वे प्रकृति से जुड़ें और अपने आसपास की जैवविविधता को जाने। इस अवसर पर विद्यालय प्रभारी वीना गुप्ता, बंसी लाल, डॉ.तरसेम कौशिक, टिक्का सिंह, भीम सिंह, रघबीर शास्त्री, ओमदत्त, डॉ.महावीर, रंजीत, कैलाश, संजीव, सुभाष, रेणु, जयप्रीत, पूनम इत्यादि स्टाफ सदस्य व विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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