नप के बाद जिला परिषद के काम पर सवाल, चेयरमैन और दो अधिकारियों सहित पांच पर धोखाधड़ी के आरोप

नगर परिषद के बाद अब जिला परिषद की कार्यशैली पर सवाल उठ गए हैं। पंचायती राज विभाग के एक ठेकेदार ने आरटीआइ के आधार पर मांगे दस्तावेज सबके सामने रखकर धोखाधड़ी करने के आरोप लगाए हैं। उनका आरोप है कि जिला परिषद के चेयरमैन ने अधिकारियों और एक अन्य ठेकेदार से मिलकर धोखे से उसके किए विकास कार्य के नौ लाख रुपये हड़प लिए।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 13 Feb 2021 07:10 AM (IST) Updated:Sat, 13 Feb 2021 07:10 AM (IST)
नप के बाद जिला परिषद के काम पर सवाल, चेयरमैन और दो अधिकारियों सहित पांच पर धोखाधड़ी के आरोप
नप के बाद जिला परिषद के काम पर सवाल, चेयरमैन और दो अधिकारियों सहित पांच पर धोखाधड़ी के आरोप

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : नगर परिषद के बाद अब जिला परिषद की कार्यशैली पर सवाल उठ गए हैं। पंचायती राज विभाग के एक ठेकेदार ने आरटीआइ के आधार पर मांगे दस्तावेज सबके सामने रखकर धोखाधड़ी करने के आरोप लगाए हैं। उनका आरोप है कि जिला परिषद के चेयरमैन ने अधिकारियों और एक अन्य ठेकेदार से मिलकर धोखे से उसके किए विकास कार्य के नौ लाख रुपये हड़प लिए। उनके अनुसार पुलिस की प्राथमिक जांच में भी आरोप सही पाए गए हैं। उधर, जिप चेयरमैन ने आरोपों को निराधार बताया है। जिला परिषद की बैठक से एक दिन पहले चेयरमैन पर धोखाधड़ी के आरोप लगने से हंगामा मच गया है।

सुलहेड़ी खालसा निवासी राकेश कुमार ने शुक्रवार को कैथल रोड स्थित एक होटल में पत्रकारों के सामने सारे तथ्य रखे। उन्होंने आरोप लगाया कि उसने पिछले दिनों जेई संदीप के कहने पर गांव सुलहेड़ी खालसा में रोड़ धर्मशाला और गांव बाहरी ब्राह्मण धर्मशाला में काम किया था। यहां ग्रेनाइट पत्थर, टायल, स्टील की ग्रिल लगाई थी। लेकिन जेई संदीप ने ठेकेदार अशोक कुमार के नाम बिल लगाकर उसके कामों में से नौ लाख रुपये जारी कर दिए। पुलिस जांच में अधिकारियों ने उक्त राशि जिला परिषद के चेयरमैन को देने की बात कही है। इसके अलावा एक वीडियो में भी जेई और ठेकेदार ने पैसे देना स्वीकारा है। अब उसको पैसे नहीं दिए जा रहे हैं। पुलिस जांच में आरोप सही पाए

ठेकेदार राकेश कुमार ने बताया कि उसने एक दिसंबर 2020 को डीसी को इस मामले की शिकायत की थी। उन्होंने एसडीएस थानेसर को इसकी जांच सौंपी। एसडीएम ने सात दिसंबर को मौका मुआयना किया। एसपी ने भी मामले की जांच थाना केयूके से कराई। पुलिस की प्राथमिक जांच में जिप चेयरमैन के नौ लाख रुपये लेने की बात सामने आई। डीएसपी की जांच में नौ लाख रुपये धोखाधड़ी से निकालना पाया गया। एसपी ने डीएसपी की रिपोर्ट पर डीसी को पत्र लिखा। डीसी ने 28 जनवरी को एसपी को पत्र लिखकर इस मामले में नियमानुसार आगामी कार्रवाई करने की बात कही है। पुलिस पर अनदेखी का लगाया आरोप

राकेश कुमार ने आरोप लगाया कि डीएसपी की जांच रिपोर्ट पर डीसी के आदेशों के बाद भी पुलिस ने चेयरमैन सहित बाकी आरोपितों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं की। अब उस पर समझौता न करने पर अन्य पेमेंट रुकवाने और किसी केस में फंसाने की धमकी मिल रही हैं। उसका आरोप है कि पुलिस इसमें नियमानुसार कार्रवाई नहीं करती है तो वह कोर्ट में जाने को मजबूर होगा। चेयरमैन बोले, आरोप निराधार

जिला परिषद के चेयरमैन गुरदयाल सुनहेड़ी ने ठेकेदार राकेश कुमार के आरोपों को निराधार बताया है। उन्होंने कहा, जिप सदन का काम विकास कार्यो के प्रस्ताव बनाना है। विकास कार्य कराने और पेमेंट जारी करने का अधिकार अधिकारियों को है। ठेकेदार राकेश कुमार ने पंचायती राज के काम करते समय 50-60 लाख रुपये की रनिग पेमेंट ली थी। उसने पेमेंट लेने के बाद काम बीच में ही बंद कर दिए। अधिकारी उससे जवाब मांग रहे हैं। वह काम करने की बजाय उल्टे सीधे आरोप लगाकर दबाव बनाना चाहता है।

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