धान की सीधी बिजाई की तरफ किसानों का बढ़ा रुझान
लाडवा गिरता भू-जल स्तर सभी के लिए चिता का विषय है। प्रदेश सरकार व कृषि विभाग गिरते भू-जल स्तर को रोकने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। किसान भी गिरते जल स्तर को लेकर परेशान है। सरकार व कृषि विभाग अकसर किसानों को धान की सीधी बिजाई के लिए प्रेरित करती रहती है।
फोटो संख्या : 21 संवाद सहयोगी, लाडवा : गिरता भू-जल स्तर सभी के लिए चिता का विषय है। प्रदेश सरकार व कृषि विभाग गिरते भू-जल स्तर को रोकने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। किसान भी गिरते जल स्तर को लेकर परेशान है। सरकार व कृषि विभाग अकसर किसानों को धान की सीधी बिजाई के लिए प्रेरित करती रहती है। यही कारण है कि आज प्रगतिशील किसानों ने धान की सीधी बिजाई की तरफ रूख कर लिया।
गांव अंटेहड़ी के प्रगतिशील किसान ज्ञान सिंह नंबरदार ने करीब 14 एकड़ में धान की सीधी बिजाई कर दी है। उसका जल्द ही बाकी खेतों में धान की सीधी बिजाई करने का लक्ष्य है। ज्ञान सिंह नंबरदार ने बताया कि उन्होंने 14 एकड़ में धान की सीधी बिजाई कर दी है। जल्द ही मौसम के अनुसार बाकी खेतों में बिजाई का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। वह अब धान की रोपाई नहीं करते, बल्कि सीधी बिजाई करते है। धान की सीधी बिजाई से खेती में बढ़ती लागत, भूमि की घटती उर्वरा शक्ति, भूमिगत जल स्तर में कमी तथा खेतिहर मजदूरों की समस्या को कम किया जा सकता है। किसानों को जागरूक होकर धान की रोपाई छोड़कर सीधी बिजाई की तरफ रुख करना पड़ेगा।
बिजाई का उचित समय 25 के बाद
कृषि विकास अधिकारी डा. इंद्रपाल ने बताया कि धान की सीधी बिजाई का सही समय 25 मई के बाद है। किसान इसके बाद ही बिजाई शुरू करें। खरपतवार रोकने के लिए बिजाई के तीसरे दिन पैंडीमिथलेन दवाई का प्रति एकड़ करीब डेढ़ लीटर के हिसाब से स्प्रे करें। 20 से 25 दिन बाद 80-100 एमएल बिसप्रेरिबेक सोडियम का स्प्रे कर सीधी धान बिजाई में होने वाले खतरपतवार को खत्म कर सकते है।