वात्सल्य वाटिका में मनाई परशुराम जंयती
कुरुक्षेत्र अमीन रोड स्थित वात्सल्य वाटिका प्राथमिक पाठशाला में भगवान परशुराम जयंती मनाई। कार्यक्रम का शुभारंभ भगवान परशुराम के चित्र पर पुष्प अर्पित कर किया गया।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : अमीन रोड स्थित वात्सल्य वाटिका प्राथमिक पाठशाला में भगवान परशुराम जयंती मनाई। कार्यक्रम का शुभारंभ भगवान परशुराम के चित्र पर पुष्प अर्पित कर किया गया। मुख्यातिथि रोटरी क्लब के पूर्व गवर्नर जितेंद्र ढींगरा रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता भाजपा जिलाध्यक्ष राजकुमार सैनी ने की।
वात्सल्य वाटिका के संस्थापक स्वामी हरिओम दास ने कहा कि विद्यालय में हम सभी को समय-समय पर अनेकों महापुरुषों और बलिदानियों की पुण्यतिथि और जयंती मनानी चाहिए। इससे विद्यालय के बच्चों में और समाज में जागृति पैदा होती है, बच्चों में अनेकों प्रकार के संस्कार पैदा होते हैं। पाठशाला के प्रिसिपल गौरव चौधरी ने सभी को परशुराम जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई दी। इस मौके पर ट्रस्ट उपप्रधान सुरेश जोशी, सचिव ओमप्रकाश गिरा, ट्रस्ट कोषाध्यक्ष संत राजेंद्र सिंह, सदस्य सोमदत्त, रामधनी भारद्वाज प्रॉपर्टी एडवाइजर व प्रदीप कुमार लाडवा मौजूद रहे।
अक्षय अवतार थे परशुराम : डा. प्रकाश
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : सृष्टि निर्माण में अवतारों के क्रम में भगवान परशुराम का अवतार छठे क्रम पर है। सभी अवतारों में परशुराम अवतार अकेला ऐसा अवतार है जो अक्षय, अमर, वैश्विक और सर्व व्यापक भी।
यह बात मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डा. प्रकाश मिश्र ने भगवान परशुराम के अवतरण दिवस पर कही। इससे पूर्व भगवान परशुराम के चित्र पर पुष्प अर्पित किए।
डा. प्रकाश मिश्र ने कहा कि भगवान परशुराम अपने बाद के सभी अवतारों में निमित्त बने हैं। उनका अवतार सतयुग और त्रेता के संधिकाल में बैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हुआ। चूंकि अवतार अक्षय है इसलिए यह तिथि अक्षय तृतीया कहलाई। उनका अवतार एक प्रहर रात्रि रहते हुआ। ऋषि कुल में हुआ। वह पल ब्रह्मा मुहूर्त कहलाया। भगवान परशुराम ने सामाजिक न्याय व समानता की स्थापना के उद्देश्य से, समाज के शोषित, पीड़ित वर्ग के अधिकारों की रक्षा के लिए शस्त्र उठाया।