बरसाती पानी निकासी के कागजी दावे, हकीकत से कोसों दूर सरकारी तंत्र

कुरुक्षेत्र ऐसा कोई दिन नहीं जब थानेसर नगर परिषद शहर में बरसाती पानी की निकासी को लेकर सफाई के दावे न करता हो लेकिन इन दावों पर थोड़ी देर की बरसात ही पानी फेर रही है। जरा सी बरसात से शहर की सड़कें तालाब बन रही है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 06:38 AM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 06:38 AM (IST)
बरसाती पानी निकासी के कागजी दावे, हकीकत से कोसों दूर सरकारी तंत्र
बरसाती पानी निकासी के कागजी दावे, हकीकत से कोसों दूर सरकारी तंत्र

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र :

ऐसा कोई दिन नहीं जब थानेसर नगर परिषद शहर में बरसाती पानी की निकासी को लेकर सफाई के दावे न करता हो, लेकिन इन दावों पर थोड़ी देर की बरसात ही पानी फेर रही है। जरा सी बरसात से शहर की सड़कें तालाब बन रही है। सबसे ज्यादा बुराहाल तो मुख्य बाजार का है। नाले पर दुकानदारों के अतिक्रमण की वजह से नाले की सफाई नहीं हो पा रही और थोड़ी सी बरसात में मुख्य बाजार ही तालाब बन जाता है। कई बार तो दुकानों के अंदर पानी घुसने की नौबत तक आ चुकी है। तीन दिन पहले हुई बरसात में भी बाजार का यही हाल हुआ था। इसके अलावा राजेंद्रा कालोनी, दुखभंजन कालोनी व चक्रवर्ती मोहल्ला समेत कई क्षेत्रों में थोड़ी सी बरसात से जलभराव हो रहा है। सबसे ज्यादा खतरा तो खेड़ी मारकंडा कालोनी और सेक्टरों पर बना हुआ है। अतिक्रमण की वजह से सरस्वती नदी और चेतंग नाला सिकुड़ता जा रहा है, जिसकी वजह हर बार बरसात का पानी लोगों के लिए आफत बनकर आता है। इस बार भी जिला प्रशासन को सरस्वती नदी और चेतंग नाले को लेकर चिता सता रही है। जिला प्रशासन इनमें सफाई कार्य कराए जाने का दावा तो कर रहा है लेकिन स्थिति तो बरसात आने पर ही स्पष्ट होगी।

जहां सफाई हुई वहां लेवल की समस्या

बरसाती पानी निकासी के लिए सेक्टरों और वार्डो में बने नालों की सालों से सफाई न होना समस्या बना हुआ है। इतना ही नहीं जहां पर नालों की सफाई हो रही है वहां लेवल सही न होने पर पानी की निकासी नहीं हो पाती। राजेंद्रा कालोनी का स्तर रेलवे रोड पर बने नाले से काफी नीचा है। इसकी वजह से जब भी बरसात होती है तो लोगों के घरों में सीवर बैक मार जाता है और घरों में ही सीवर का गंदा पानी आ जाता है। यह समस्या पिछले कई वर्षो से यूही बनी हुई है। इसी तरह से सरस्वती नदी व चेतंग नाले के क्षेत्र में अतिक्रमण होता चला गया जिसकी वजह से सरस्वती नदी चौड़ाई सिकुड़कर बहुत कम रह गई। यही वजह है कि बरसात के दिनों में यह नदी प्रशासन के लिए चिता का विषय बनी रहती है।

विधायक ने तीन दिन पहले लगाई थी फटकार

विधायक सुभाष सुधा ने मंगलवार की बरसात से सड़कों पर जलभराव होने के बाद नप अधिकारियों को फटकार भी लगाई थी। उन्होंने कहा था कि नप अधिकारी इस विषय को पूरी गंभीरता के साथ ले और पानी निकासी के प्रबंध तेजी के साथ पूरा करे। उन्होंने सिचाई विभाग के अधिकारियों को सरस्वती चैनल की सफाई करने, जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को सीवरेज की पाइप लाइन ठीक करने और पानी निकासी की व्यवस्था को दुरुस्त करने, नप अधिकारियों को शहर की नालियों और नालों की सफाई करने और पानी निकासी के प्रबंधों को तेजी के साथ पूरा करने के सख्त निर्देश दिए। उन्होंने मंगलवार को हुई बरसात में सड़कों पर पानी जमा होने, नालियों और नालों से पानी की निकासी होने पर अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि इस विषय को अधिकारी गंभीरता से लें और जिन-जिन जगहों पर पानी निकासी को लेकर दिक्कत आई है, उन-उन जगहों पर तुरंत प्रभाव से नाली और नालों की सफाई करके प्रबंधों को दुरुस्त करने के आदेश दिए।

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