जल की बर्बादी को रोकने में आगे आए पंचायतें : टाया

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : जन स्वास्थ्य अभियंत्रिकी विभाग से खंड समन्वयक डॉ. सत¨वद्र टाया ने कहा कि साल 1966 में हरियाणा के गठन के समय प्रदेश में कुल 28000 ट्यूबवेल थे, जबकि आज इनकी संख्या बढ़कर आठ लाख 12 हजार पर पहुंच गई है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 19 Nov 2018 12:46 AM (IST) Updated:Mon, 19 Nov 2018 12:46 AM (IST)
जल की बर्बादी को रोकने में आगे आए पंचायतें : टाया
जल की बर्बादी को रोकने में आगे आए पंचायतें : टाया

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : जन स्वास्थ्य अभियंत्रिकी विभाग से खंड समन्वयक डॉ. सत¨वद्र टाया ने कहा कि साल 1966 में हरियाणा के गठन के समय प्रदेश में कुल 28000 ट्यूबवेल थे, जबकि आज इनकी संख्या बढ़कर आठ लाख 12 हजार पर पहुंच गई है। पानी की अत्याधिक दोहन के चलते पानी का संकट आन खड़ा हुआ है। ऐसे में हमें व्यर्थ बहने वाले पानी को बचाने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। वे गांव डोडा खेड़ी में जल एवं स्वच्छता कमेटी के गठन के अवसर पर आयोजित कमेटी को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 17 जिले पीने के पानी के लिए नहरों पर निर्भर हैं 3891 गांव और 71 ब्लॉकों में पानी का अत्याधिक मात्रा में दोहन हो रहा है। वहीं 15 ब्लॉक और 760 गांव में पानी की गंभीर कमी है। यह सब देखकर लोगों को इसके लिए जागरूक होना होगा। अगर समय रहते कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो हालात खतरनाक हो सकते हैं। उन्होंने गांव के लोगों से घरों में खुली पड़ी टूंटियों पर टैब लगाने की अपील की। इसके साथ-साथ जल एवं स्वच्छता कमेटी का भी गठन किया गया, जो गांव में जल संरक्षण को लेकर जागरूकता अभियान चलाएगी। इस मौके पर बैठक की अध्यक्षता गांव सरपंच बाबू राम ने की। स्वास्थ्य विभाग से एएनएम गीता ने लोगों को बीमारियों के प्रति सचेत रहने को कहा। इस मौके पर बीएंडआर से पृथ्वी ¨सह व सोनू, मत्स्य विभाग से सतीश, महिला पंच नीलम रानी, राकेश कुमार, रीना देवी, आशा वर्कर किरण बाला, सुनीता, मीना देवी, नरेंद्र कुमार मौजूद रहे।

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