धान खरीद का पत्र मंडी में सोशल मीडिया पर घूमता रहा, खरीदार नहीं आए

इस्माईलाबाद । अनाज मंडी में धान की सरकारी खरीद शनिवार को नहीं हो सकी। कोई भी सरकारी एजेंसी या अधिकारी खरीद के लिए नहीं पहुंचा।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 27 Sep 2020 08:02 AM (IST) Updated:Sun, 27 Sep 2020 08:02 AM (IST)
धान खरीद का पत्र मंडी में सोशल मीडिया पर घूमता रहा, खरीदार नहीं आए
धान खरीद का पत्र मंडी में सोशल मीडिया पर घूमता रहा, खरीदार नहीं आए

संवाद सहयोगी इस्माईलाबाद : अनाज मंडी में धान की सरकारी खरीद शनिवार को नहीं हो सकी। कोई भी सरकारी एजेंसी या अधिकारी खरीद के लिए नहीं पहुंचा। जबकि अनाज मंडी चार दिन से धान से लबालब है। वहीं सरकारी खरीद आरंभ होने का फरमान जारी होते ही किसान खेतों में उतर पड़ा है।सरकारी खरीद पहले एक अक्तूबर से आरंभ होनी थी। मगर अब केंद्र ने 26 सितंबर से आरंभ करने के आदेश जारी कर दिए हैं। पहले दिन एक दाना भी खरीद नहीं हुआ। पहले दिन एजेंसियां सरकार के कागजी फरमान हासिल करने में लगी रही। माना जा रहा है कि नियमित खरीद सोमवार से आरंभ हो पाएगी। हालांकि अनाज मंडी में बारदाना पहुंच गया है। मगर अभी इसे आढ़तियों को उपलब्ध नहीं करवाया जा रहा है। हालत यह है कि मंडी में चारों ओर धान के ढेर लगे हुए हैं। वहीं किसानों का कहना है कि वे अब कंबाइन मशीनों से कटाई तेज करने जा रहे हैं। ऐसे में आने वाले तीन दिनों में मंडियों में धान के अंबार लग जाएंगे। किसानों की मांग है कि सरकारी खरीद बिना देरी के आरंभ की जानी चाहिए। अधिक नमी कर रही परेशान

मंडी में आई धान की अधिक नमी परेशानी का सबब साबित हो रही है। इस नमी को लेकर राइस मिलर पहले ही हाथ खींच रहे हैं। अब इस पर सरकारी एजेंसियों का रूख कैसा रहेगा इस पर भी संशय बना हुआ है। सरकारी एजेंसियां खरीद करने के बाद धान की उठाई कैसे करवाएंगी और इसका भंडारण कहां होगा। इस पर अभी संशय ही बरकरार है। मिलर खींच रहे हाथ राइस मिल मालिकों व सरकार के बीच पालिसी को लेकर कई पेंच फंसे हुए हैं। मिलर फिलहाल धान से हाथ खींच रहे हैं। मिल मालिकों का साफ कहना है कि सरकारी खरीदे और उठाए। इसमें वे किसी प्रकार का व्यवधान पैदा नहीं करेंगे। मिलरों का कहना है कि वे परमल के अलावा अन्य बारीक किस्म की धान की खरीद करेंगे।

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