डा. आंबेडकर के आदर्शों पर चलकर समाज को संगठित करें : रणपत माथुर
पिपली श्री गुरु रविदास मंदिर एवं धर्मशाला के प्रधान रणपत माथुर ने कहा कि डा. भीमराव आंबेडकर ने शिक्षित बनो संघर्ष करो और संगठित रहो के तीन मंत्र दिए थे।
संवाद सहयोगी, पिपली : श्री गुरु रविदास मंदिर एवं धर्मशाला के प्रधान रणपत माथुर ने कहा कि डा. भीमराव आंबेडकर ने शिक्षित बनो, संघर्ष करो और संगठित रहो के तीन मंत्र दिए थे। समाज के लोगों को इन मंत्रों पर चलकर और डा. भीमराव आंबेडकर की विचारधारा पर चलकर ही समाज में एकता को स्थापित कर सकते हैं।
उन्होंने यह बात धोबी मोहल्ला के नजदीक डा. भीमराव आंबेडकर पुस्तकालय के उद्घाटन पत्थर स्थापित करने के बाद समाज के लोगों को संबोधित करते हुए कही। यह उद्घाटन पत्थर पिछले दिनों असामाजिक तत्वों ने उखाड़ दिया था और पुस्तकालय में तोड़फोड़ की थी।
उन्होंने कहा कि बाबा साहेब ने हमेशा समाज के दबे कुचले तथा गरीब लोगों के हित के लिए कार्य किया। संविधान की रचना की। गरीब लोगों के उत्थान के लिए जीवन भर संघर्ष किया। मंदिर कमेटी के महासचिव तारा चंद ने कहा कि डा. आंबेडकर ने जीवन भर समाज के कल्याण के लिए कार्य किया। लोगों को संवैधानिक अधिकार दिलाए। हम बाबा साहेब के दिखाए हुए मार्ग पर चलकर ही अपना जीवन सफल कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि बाबा साहेब ने समाज को नई दिशा दिखाई। समतामूलक समाज के निर्माण करने की राह दिखाई। डा. भीमराव अंबेडकर वेलफेयर सोसाइटी की प्रधान अंगूरी देवी ने कहा कि जिस जगह पर डा. भीमराव आंबेडकर पुस्तकालय बनाया गया है, ये उनके पूर्वजों स्व. निर्मला देवी व आत्मा राम की याद में बनाया है। इस मौके पर पर अशोक कुमार, मान सिंह, सूरजभान नरवाल, गुरमीत, धर्म सिंह, क्रांति, सुनीता व लक्ष्मी देवी मौजूद रही।