स्कंदामता का पूजन करने को मंदिरों में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब

मां भगवती के पावन पवित्र नवरात्र के पांचवें दिन मंदिरों में श्रद्धा का सैलाब उमड़ा। श्रद्धालुओं ने कतारों में लग कर मां के दर्शन किए और मां से सुख-समृद्धि की कामना की। मां को नारियल श्रृंगार चुनरी व चुडि़यां भेंट चढ़ाई।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 11 Oct 2021 07:13 AM (IST) Updated:Mon, 11 Oct 2021 07:13 AM (IST)
स्कंदामता का पूजन करने को मंदिरों में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब
स्कंदामता का पूजन करने को मंदिरों में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : मां भगवती के पावन पवित्र नवरात्र के पांचवें दिन मंदिरों में श्रद्धा का सैलाब उमड़ा। श्रद्धालुओं ने कतारों में लग कर मां के दर्शन किए और मां से सुख-समृद्धि की कामना की। मां को नारियल, श्रृंगार, चुनरी व चुडि़यां भेंट चढ़ाई। हरियाणा के एकमात्र प्राचीन शक्तिपीठ श्रीदेवीकूप भद्रकाली मंदिर में सुबह से रात तक श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। श्रद्धालुओं ने श्रीदेवीकूप पर मन्नतें मांगी और सुख की कामना की। शाम को मंदिर में भजन संध्या का आयोजन हुआ।

श्रीदेवीकूप भद्रकाली मंदिर में नवरात्र के पांचवे दिन मां स्कंदमाता की पूजा पूरे मंत्रोचारण और वैदिक रीति रिवाजों के साथ की। मंदिर के पीठाध्यक्ष सतपाल शर्मा ने कहा कि मोक्ष के द्वार खोलने वाली माता परम सुखदायी हैं। सूर्यमंडल की अधिष्ठात्री देवी होने के कारण इनका उपासक, इनका भक्त, इनको पूजने वाला अलौकिक तेज एवं कांति से संपन्न हो जाता है। रविवार सुबह मंदिर में मंगला आरती विपुल बंसल एवं परिवार ने की। रविवार को लक्षचंडी महायज्ञ भी संपन्न हुआ, जिसमें मुख्यातिथि के रूप में थानेसर के विधायक सुभाष सुधा ने आहुति डाली और संकल्प लिया कि जो भी गुरु जी की तरफ से उनकी मंदिर में ड्यूटी लगाई जाएगी, वे उन्हें पूरा करने के लिए समर्पित हैं। विधायक ने कहा कि उनका जीवन मां भद्रकाली जी को समर्पित है, इसलिए हमारे परिवार में या कहीं भी हमारे सगे-संबंधी, रिश्तेदार जब भी कुरुक्षेत्र भ्रमण पर आते हैं, तो सर्वप्रथम वे मां भद्रकाली जी के दर्शन करते है और फिर कुरुक्षेत्र यात्रा शुरू करते हैं। पीठाध्यक्ष ने सुभाष सुधा को मां की शक्ति चुनरी से सम्मानित किया और प्रसाद भेंट किया। हरियाणा व्यापार संघ के प्रमुख राजेश शर्मा व रजनीश गुप्ता ने भी स्मृति चिन्ह भेंट किया।

कौटिल्य ने माता की पूजा

मंदिर में गूगल ब्वाय कौटिल्य ने भी दर्शन किए और मां की आराधना की। सुबह से ही मंदिर में भक्तों के लिए भंडारा शुरू कर दिया गया था। जिसमें नवरात्रि व्रत भंडारे का आयोजन इंदु वधवा परिवार ने किया, इसके साथ ही सुभाष कोड़ा परिवार ने नवरात्रि अन्नपूर्णा भंडारा दिया। भजन संध्या में मुख्य गायक लवली रामपाल शर्मा रहे। भजन संध्या में मुख्यातिथि के रूप में समालखा के विधायक धर्म सिंह छौक्कर उपस्थित रहे। मां भद्रकाली शक्तिपीठ में नारी-शक्ति करती है महाआरती

श्रीदेवीकूप भद्रकाली मंदिर देश में एकमात्र शक्तिपीठ हैं, जहां नारी-शक्ति द्वारा मां की महाआरती की जाती है। पहले ये परंपरा गुरु मां सरबती देवी जी द्वारा निभाई जाती थी। अब पीठाध्यक्ष सतपाल शर्मा की धर्मपत्नी शिमला देवी महाआरती करती हैं। आरती में विधिपूर्वक सबसे पहले शंख, मोर पंख, गुलाब इत्र, चवर, झंडे से मां की आरती होती है। मंदिर के पीठाध्यक्ष सतपाल शर्मा श्री देवीकूप पर आरती करते है। जहां मां सावित्री रूप में विराजमान हैं।

मां कुष्मांडा की पूजा कल्याणकारी : वेदाचार्य अनिल शास्त्री

गो गीता गायत्री सत्संग सेवा समिति के संस्थापक अध्यक्ष भागवत प्रवक्ता वेदाचार्य अनिल शास्त्री मां कुष्मांडा के भक्तों को बताया कि नवरात्रि के चौथे दिन देवी मां कुष्मांड देवी का पूजन किया जाता है। जब सृष्टि का अस्तित्व भी नहीं था तब मां कुष्मांडा ने ब्रह्मांड को उत्पन्न किया उसी ब्रह्मांड में से अनेकानेक उत्पत्ति देवी कुष्मांडा के चितन मात्र से हुई। पंडित अनिल शास्त्री ने कहा कि है सृष्टि की आदि शक्ति मां कुष्मांडा ही है। कुष्मांडा माता जी का निवास स्थान सूर्यलोक है, वह सदा सूर्यलोक में ही निवास करती है। इस मौके पर श्री संस्कार जागृति सेवा संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष पंडित रंगनाथ त्रिपाठी भी मौजूद रहे।

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