नंबरदारी खत्म करने से नाराज नंबरदार कामकाज ठप रख धरने पर बैठे, एसडीएम को सौंपा ज्ञापन

प्रदेश में नंबरदार का पद खत्म करने के फैसले के विरोध में नंबरदार एसोसिएशन खड़ी हो गई है। जिला मुख्यालय व खंडों में नंबरदारों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपा और सरकार के इस फैसले पर नाराजगी जताई।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 07 Dec 2021 06:02 PM (IST) Updated:Tue, 07 Dec 2021 06:02 PM (IST)
नंबरदारी खत्म करने से नाराज नंबरदार कामकाज ठप रख धरने पर बैठे, एसडीएम को सौंपा ज्ञापन
नंबरदारी खत्म करने से नाराज नंबरदार कामकाज ठप रख धरने पर बैठे, एसडीएम को सौंपा ज्ञापन

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : प्रदेश में नंबरदार का पद खत्म करने के फैसले के विरोध में नंबरदार एसोसिएशन खड़ी हो गई है। जिला मुख्यालय व खंडों में नंबरदारों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपा और सरकार के इस फैसले पर नाराजगी जताई।

थानेसर खंड के नंबरदार जिला मुख्यालय पर मंगलवार को धरने पर बैठ गए। रामपाल नंबरदार ने कहा कि गांव में सबसे बड़ा नंबरदार माना जाता है। उसकी तसदीक पर काम किए जाते हैं। सरकार की योजनाओं को भी लोगों तक पहुंचाया जा रहा है। ऐसे में सरकार नंबरदारों के पद खत्म कर रही है। सरकार के इस फैसले से सबसे अधिक नुकसान लोगों को होगा। उनको अपनी तसदीक कराने के लिए अधिकारियों या दूसरे लोगों के चक्कर काटने पड़ेंगे। जमीन की रजिस्ट्री कराने सहित अन्य मामलों में भी अड़चन आने लगेगी।

शाहाबाद में एसडीएम को सौंपा ज्ञापन

संवाद सहयोगी, शाहाबाद : मंगलवार को नंबरदारों ने कामकाज ठप रख अपनी मांगों के समर्थन में एक ज्ञापन एसडीएम शाहाबाद को सौंपा।

शाहाबाद के नंबरदारों ने मांग की कि हरियाणा सरकार ने जो यह फैसला लिया है इसको वापस लिया जाए क्योंकि यदि गांवों में नंबरदारी ही खत्म कर दी जाएगी तो गांव के लोगों को अपने कार्यो के लिए भटकना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि गांवों के लोगों को अपने कार्य जैसे तैसे तहसील कार्यालयों में, रजिस्ट्री कोर्ट में शिनाख्त व हरियाणा रिहायशी प्रमाण, जाति प्रमाण पत्र व आय प्रमाण पत्र पर रिपोर्ट सहित अनेक अन्य कार्य करने पड़ते हैं। ज्ञापन में कहा गया कि नंबरदारों की रिपोर्ट के बिना व शिनाख्त के बिना गांव के लोगों के कार्य कैसे होंगे व गांव के लोगों की पहचान नंबरदार के बिना कैसे होगी। ज्ञापन में कहा गया कि नंबरदार सरकार की एक कड़ी है और सभी नंबरदार हरियाणा सरकार के कामकाज में भी सहयोग देते हैं। सभी नंबरदारों ने रोष प्रकट करते हुए अपना कामकाज ठप रखा और तहसील में बैठकर रोष प्रकट किया। नए नंबरदार नहीं बनाए जाने के फैसले को वापस लेने की मांग सरकार से की गई है। इस दौरान साधुराम प्रधान, मुख्तियार सिंह, राम ईश्वर, प्रीतम सिंह, चंद्रभान, बुंदा राम, प्रविद्र सिंह, लछमन दास, रामकुमार, देवेंद्र, ईश्वर दास, रघुबीर सिंह, बंत राम, दलीप सिंह, जसबीर सिंह, रामकरण मौजूद रहे।

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