नपा लाडवा 35 साल से नहीं हुई एससी आरक्षित
संवाद सहयोगी लाडवा लाडवा नगरपालिका को बने करीब 35 साल हो गए है।
संवाद सहयोगी, लाडवा : लाडवा नगरपालिका को बने करीब 35 साल हो गए है। इन 35 साल में नौ नपा प्रधान बने है। 1991 से लेकर 1994 तक तीन नपा प्रधान रहे। 1991 में कपिल गर्ग के नपा प्रधान बनने के बाद बहुमत से पार्षदों ने उन्हें प्रधान पद से हटा दिया गया था, जिसके बाद नपा उप प्रधान नरेंद्र धीमान को कार्यकारी प्रधान बनाया गया था। बाद में हुए चुनाव में वीरेंद्र कंसल नपा प्रधान बने थे। नपा के इन सात प्लान में एक बार बीसी रिजर्व, तो एक बार महिला जनरल प्रधान सहित पांच बार नपा प्रधानी जनरल वर्ग की रही। 35 साल में एक बार भी एससी की सीट आरक्षित नहीं हुई। सरकार व प्रशासन की ओर से 22 जून को प्रदेश की 45 नगरपालिका व नगर परिषद के चेयरमैन के चुनाव के लिए ड्रा होगा। अब देखना यह होगा की इस बार लाडवा नगरपालिका की चेयरमैन की सीट किस खाते में जाएगी। लाडवा अंबेडकर सभा के प्रधान रतनलाल बनवाल ने सरकार व प्रशासन से इस बार नपा चेयरमैन की सीट एससी कोटे को देने की मांग भी की थी।
नरेंद्र सिघला बने नपा लाडवा के पहले प्रधान
1987 में पहली बार लाडवा नगर पालिका बनी थी, जिसके सबसे पहले प्रधान नरेंद्र सिघला बने थे। दूसरी बार 1991 में भी नपा प्रधानी जनरल में थी, जिसके प्रधान कपिल गर्ग बने थे, लेकिन वह अपना कार्यकाल पूरा न करे पाए थे और पार्षदों ने उन्हें बहुमत से नपा प्रधान पद से हटा दिया था, जिसकी जगह नपा उप प्रधान नरेंद्र धीमान को कार्यकारी प्रधान बनाया गया था। दोबारा हुए चुनाव में वीरेंद्र कंसल नपा प्रधान बने थे। 1994 में तीसरी बार भी लाडवा नपा प्रधानी जनरल रही और सतपाल सैनी नपा प्रधान बने। वर्ष 2000 में लाडवा नपा प्रधानी बीसी खाते में गई और लाल चंद नंबरदार प्रधान बने थे। 2005 में एक बार फिर नपा की प्रधानी जनरल खाते में आई और जिसके प्रधान मंदीप सिंह तूर बने। 2010 में नपा प्रधानी महिला जनरल खाते में आई और कौशल्या खुराना प्रधान बनी। 2016 में सातवीं बार नपा प्रधानी जनरल में आई और साक्षी खुराना नपा की प्रधान चुनी गई। 35 साल में छह बार जनरल तथा एक बार बीसी रिजर्व हुई।