मां को शुगर हुई तो शुरू की जैविक खेती

फसलों पर फर्टिलाइजर्स और कीटनाशकों के बढ़ते प्रयोग से जब मां को शुगर हुई तो नंद लाल ने जैविक खेती शुरू कर दी। पिछले छह साल से नंद लाल जैविक खेती कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 10 Mar 2020 07:20 AM (IST) Updated:Tue, 10 Mar 2020 07:20 AM (IST)
मां को शुगर हुई तो शुरू की जैविक खेती
मां को शुगर हुई तो शुरू की जैविक खेती

विनोद चौधरी, कुरुक्षेत्र : फसलों पर फर्टिलाइजर्स और कीटनाशकों के बढ़ते प्रयोग से जब मां को शुगर हुई तो नंद लाल ने जैविक खेती शुरू कर दी। पिछले छह साल से नंद लाल जैविक खेती कर रहे हैं। खेत की मिट्टी की सेहत को सुधारने के लिए वह खेत में जरूरत अनुसार केंचुए छोड़ रहे हैं। यही केंचुए मिट्टी की ताकत बढ़ा रहे हैं और नंद लाल के खेतों में फसल लहलहा रही है। नंद लाल की अच्छी पैदावार को देखकर अब आस-पास के किसान भी जैविक खेती करने लगे हैं।

शुरुआत में गांव ज्योतिसर के किसान नंदलाल भी अन्य किसानों की तरह परंपरागत खेती करते थे। इस खेती में वह खाद और कीटनाशक का भी प्रयोग करते थे। उनकी माता को शुगर की शिकायत रहने लगी तो डाक्टरों ने उसे फसलों में बढ़ते कीटनाशक के दुष्प्रभावों की जानकारी दी। इसके बाद से उसने जैविक खेती करने का फैसला लिया। पहले साल आधा एकड़ में जैविक खेती की शुरुआत की गई। अब इसे बढ़ाकर छह एकड़ में शुरू कर दिया है। धान के समय में खेत में ढैंचा बिजाई करते हैं और इसे खेत में ही दबाकर धान की रोपाई करते हैं। गेहूं की बिजाई करते समय भी फानों में आग नहीं लगाते। फानों में ही सीधे हैप्पी सीडर से बिजाई करते हैं। खेत में जरूरत अनुसार केंचुए की तैयार खाद डालते हैं। इससे पैदावार अच्छी निकल रही है। पशुओं के लिए चारा भी जैविक खेती से करते हैं तैयार

नंद लाल ने बताया कि उन्होंने घर पर गाय और भैंस रखी हैं। वह उनके लिए चारा भी जैविक खेती से उगाते हैं। घर पर एक गड्ढे में हरे चारे व अन्य बची हुई सब्जियों को डालकर केंचुए से खाद तैयार कर स्टोर कर लेते हैं। जब जरूरत पड़ती है तो इसे खेत में डाल देते हैं। अकसर कृषि वैज्ञानिक भी करते हैं दौरा

अब नंद लाल की जैविक खेती को देखने के लिए कृषि विशेषज्ञ भी उसके खेत में पहुंचते हैं। कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि विशेषज्ञ कई बार उनके खेत में पहुंचे हैं। कई बार आस-पास के किसान भी उनकी फसल देखने पहुंच रहे हैं।

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