एमएससी की छात्रा रोका रिजल्ट, एबीवीपी ने परीक्षा शाखा में काटा हंगामा
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की परीक्षा शाखा एक बार फिर विवादों में आ गई है। आरोप है कि एमएससी की एक छात्रा का एग्जाम फार्म भरने के बाद भी रिजल्ट जारी नहीं किया है जबकि बाकी को प्रमोट कर दिया गया। कर्मचारियों ने अपनी गलती सुधारने की बजाय अपनी नौकरी जाने का डर दिखाकर छात्रा से अपने हक में लिखवा लिया।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की परीक्षा शाखा एक बार फिर विवादों में आ गई है। आरोप है कि एमएससी की एक छात्रा का एग्जाम फार्म भरने के बाद भी रिजल्ट जारी नहीं किया है जबकि बाकी को प्रमोट कर दिया गया। कर्मचारियों ने अपनी गलती सुधारने की बजाय अपनी नौकरी जाने का डर दिखाकर छात्रा से अपने हक में लिखवा लिया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद छात्रा के समर्थन में उतर आई है और सोमवार को प्राचार्य कार्यालय पर धरना देकर जमकर हंगामा किया।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के इकाई अध्यक्ष एवं प्रदेश सहमंत्री परमिश चौधरी ने कहा कि आइआइएचएस (इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीग्रेटिड ऑनर्स स्टडीज) में एमएससी अंतिम वर्ष की छात्रा अंजली ठाकुर के साथ अन्याय किया है। को न्याय दिलाने को लेकर एबीवीपी कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय इकाई ने प्राचार्य ऑफिस में प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की गलतियों का खामियाजा विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा है। अधिकारी भी शिकायत करने के बाद कोई कार्रवाई नहीं कर रहे। एमएससी की छात्रा अंजली भी अनदेखी का शिकार हुई हैं। इसके बाद प्राचार्य संजीव कुमार ने छात्रा की समस्या का जल्द ही समाधान करने का आश्वासन दिया। एबीवीपी ने इसके बाद धरना उठाया। प्रमोट करने की बजाय रिजल्ट रोका
छात्रा अंजली ने बताया कि उसने चार फरवरी 2020 को अंतिम तिथि से पहले ही एग्जाम फार्म भर दिया था। उसके पश्चात सभी विद्यार्थियों को प्रमोट कर दिया गया, लेकिन उसका परीक्षा परिणाम जारी नहीं किया गया। उसने परीक्षा शाखा में पूछा तो उसको परीक्षा फार्म न आने की जानकारी दी। उसने कालेज में बात कि तो वहां एक कर्मचारी ने अपनी नौकरी चली जाने की कहते हुए। उसी से फार्म जमा न करा पाने की एप्लीकेशन लिखवा ली। उक्त कर्मचारी ने बाद में काम पूरा करा देने और पेनल्टी भरने के बारे में भी कहा था। उसका परिणाम अब नहीं आया और उस पर 15 हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया गया है। परिवार भी काट रहा चक्कर
छात्रा ने बताया कि एक कर्मचारी की लापरवाही से वह और उसका परिवार चार महीने से चक्कर काट रहे हैं। उनको कोई रास्ता नहीं दिया जा रहा है। वे मानसिक रूप से परेशान हो गए हैं।