मीरी-पीरी अस्पताल में 22 को एमआरआइ मशीन का उद्घाटन करेंगे एसजीपीसी प्रधान

हरियाणा में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी श्री अमृतसर की प्रमुख परियोजना मीरी-पीरी इंस्टीयूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च शाहाबाद में एमआरआइ टेस्ट की सुविधा उपलब्ध होगी।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Nov 2019 08:45 AM (IST) Updated:Thu, 21 Nov 2019 08:45 AM (IST)
मीरी-पीरी अस्पताल में 22 को एमआरआइ 
मशीन का उद्घाटन करेंगे एसजीपीसी प्रधान
मीरी-पीरी अस्पताल में 22 को एमआरआइ मशीन का उद्घाटन करेंगे एसजीपीसी प्रधान

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : हरियाणा में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी श्री अमृतसर की प्रमुख परियोजना मीरी-पीरी इंस्टीच्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च शाहाबाद में एमआरआइ टेस्ट की सुविधा उपलब्ध होगी। एमआरआइ मशीन का उद्घाटन 22 नवंबर को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी श्री अमृतसर के प्रधान भाई गोबिद सिंह लौंगोवाल करेंगे।

एसजीपीसी वरिष्ठ उपाध्यक्ष रघुजीत सिंह विर्क ने बताया कि श्री गुरु नानक देव जी महाराज के 550 साला प्रकाश उत्सव को सर्मिपत एमआरआइ (मैगनेटिक रेसोनेंस इमेजिग स्कैन) टैस्ट यहां मुहैया कराने की व्यवस्था की गई है, जो कि निजी अस्पतालों से काफी किफायती दरों पर होगा। वैसे तो इस टैस्ट का शुल्क दो हजार रुपये रखा गया है, लेकिन पीले राशनकार्ड धारक व गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले मरीजों को ओर भी छूट दी जाएगी। उन्होंने बताया कि अस्पताल में संस्था द्वारा 1.5 टेस्ला एडवांस एमआरआई मशीन (16 चैनल) मुहैया कराई गई है, जिसकी कीमत करोड़ों रुपये है। उनके मुताबिक सीमन्स कंपनी द्वारा तैयार की गई यह मशीन जर्मन से मंगवाई गई है। वरिष्ठ उपाध्यक्ष ने बताया कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी श्री अमृतसर द्वारा चिकित्सा क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाई जा रही है। इसी के तहत मीरी-पीरी इंस्टीच्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च शाहाबाद मारकंडा परियोजना है, जिसमें लोगों को आधुनिक तकनीक की सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। इसी श्रृंखला में अब अस्पताल में एमआरआई मशीन स्थापित की गई है। संस्थान में उपलब्ध करवाई गई 1.5 टेस्ला मशीन आसपास के एरिया में किसी भी निजी अस्पताल में नहीं है, जिसका लाभ गरीब तबके मरीजों को अवश्य मिलेगा। उल्लेखनीय है कि संस्थान में डायलिसिस और 32 स्लाईस सिटी स्कैन मशीनें जनता को समर्पित की जा चुकी है, जिनका फायदा मरीजों को निजी अस्पतालों की अपेक्षा किफायती दाम के रूप में मिल रहा है।

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