पीजीटी संस्कृत की भर्ती करवाने की मांग को लेकर सौंपा ज्ञापन
पीजीटी संस्कृत संघ ने पीजीटी संस्कृत की भर्ती प्रक्रिया को पूरा करवाने की मांग को लेकर शुक्रवार को सरस्वती हैरिटेज बोर्ड के वाइस चेयरमैन धुम्मन सिंह किरमिच को ज्ञापन सौंपा।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र :पीजीटी संस्कृत संघ ने पीजीटी संस्कृत की भर्ती प्रक्रिया को पूरा करवाने की मांग को लेकर शुक्रवार को सरस्वती हैरिटेज बोर्ड के वाइस चेयरमैन धुम्मन सिंह किरमिच को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने पीजीटी संस्कृत अभ्यर्थियों को शीघ्र ज्वाइनिग करवाने की मांग की है।
पीजीटी संस्कृत संघ के प्रधान संजीव कमोदा ने कहा कि जिस सरस्वती वंदना से विद्यालयों में दिन की शुरुआत होती है वह वंदना संस्कृत में ही रचित है। संस्कृत भाषा दुनिया की सबसे प्राचीन भाषाओं में से एक है। दुनिया की सबसे पुरानी परंपरा भी वैदिक परंपरा है। वैदिक युग संस्कृतमयी युग था। हमारे ऋषि-मुनियों ने सारे वेद सरस्वती नदी के किनारे पर बैठकर ही रचे थे। वेदों के मूलस्वरूप को जानने के लिए उसकी मूल भाषा का ज्ञान अत्यावश्यक है। वेदों की मूल भाषा संस्कृत है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार उसी संस्कृत के शिक्षकों की भर्ती करने में देरी कर रही है। संस्कृत को बचाने के लिए सबसे पहले इसके अध्ययन और अध्यापन को बचाना होगा। विद्यालयों में संस्कृत के पद खाली पड़े हैं। पिछले सात वर्षो में एक भी संस्कृत अध्यापक की भर्ती नहीं हुई है। 2015 में 626 पीजीटी संस्कृत प्रवक्ताओं की भर्ती निकली थी। एक जनवरी 2019 को इस भर्ती का रिजल्ट घोषित हुआ। इसके बाद ज्वाइनिग में देरी के चलते भर्ती पर स्टे हो गया। 11 माह की जद्दोजहद के बाद सिगल बेंच में स्टे हटने के बावजूद भी सरकार ने उनकी ज्वाइनिग नहीं करवाई है। इस लापरवाही के चलते अब मामला हाइकोर्ट की डबल बेंच में है। उन्होंने सरकार से इस मामले की ठोस पैरवी करने की मांग की है। सरस्वती हैरिटेज बोर्ड के वाइस चेयरमैन धुम्मन सिंह ने जल्द ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल और शिक्षामंत्री कंवरपाल से बात करने का आश्वासन दिया।इस मौके पर सुरेंद्र सेलवाल, सरोज, रेणु शर्मा, सोमपाल सुरेंद्र व शारदा मौजूद रहे।